झाबुआ :महिला एवं बाल विकास विभाग की झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले के अधिकारियों की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट कार्यालय झाबुआ में आयोजित की गई। बैठक में मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि जहाँ- जहाँ टेकहोम राशन भेजा जा रहा है उसकी सूची विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियो को दे ताकि गांव स्तर पर मानीटरिंग हो सके। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आने वाली खेल सामाग्री की गुणवता सीडीपीओ स्वयं देखे यदि गलत सामग्री आती है ,तो वापस कर दे। पन्नी बीनने वाले एवं भिक्षावृत्ति करने वाले सभी बच्चों को स्कूलों में एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर दर्ज करवाकर शिक्षा दिलवाये उनका नियमित फालोअप करे।
श्रीमती मायासिंह ने बैठक में समीक्षा के दौरान झाबुआ एवं अलीराजपुर ब्लाक मे दर्ज बच्चो एवं आंगनवाड़ी केन्द्र पर सेवा का लाभ लेने के लिए पहुँचने वाले बच्चों का प्रतिशत कम होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। अलीराजपुर, उदयगढ, झाबुआ, राणापुर, मेघनगर पेटलावद में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को दी जाने वाली सेवाओं के लिए दर्ज महिलाओ एवं लाभान्वित में गेप अधिक होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए पात्र सभी महिलाओं को सेवाएँ देने के लिए निर्देश दिये। सर्वे से छूटी हुई पात्र महिलाओं को भी एनपीआर में दर्ज करवाने के लिए निर्देशित किया।
श्रीमती मायासिंह ने बैठक में समीक्षा के दौरान झाबुआ एवं अलीराजपुर ब्लाक मे दर्ज बच्चो एवं आंगनवाड़ी केन्द्र पर सेवा का लाभ लेने के लिए पहुँचने वाले बच्चों का प्रतिशत कम होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। अलीराजपुर, उदयगढ, झाबुआ, राणापुर, मेघनगर पेटलावद में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को दी जाने वाली सेवाओं के लिए दर्ज महिलाओ एवं लाभान्वित में गेप अधिक होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए पात्र सभी महिलाओं को सेवाएँ देने के लिए निर्देश दिये। सर्वे से छूटी हुई पात्र महिलाओं को भी एनपीआर में दर्ज करवाने के लिए निर्देशित किया।
आंगनवाड़ी केन्द्र पर रिक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पदो की पूर्ति के लिए सभी सीडीपीओ कार्यवाही सुनिश्चित करे। विभाग के सभी शासकीय सेवक मुख्यालय पर रहना सुनिश्चित करे मुख्यालय पर नहीं रहने की स्थिति में दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। सुपरवाइजर यदि मुख्यालय पर निवास नहीं करते है, तो सीडीपीओ को जिम्मेदार माना जाएगा। इसी प्रकार सीडीपीओ मुख्यालय पर निवास नहीं करेगे, तो जिला कार्यक्रम अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा।
ऐसे कुपोषित बच्चे जिन्हे पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किया जाना है। उन्हें उपचार के लिए भर्ती करवाये। बच्चों का फालोअप भी करे। झाबुआ एवं अलीराजपुर ब्लाक के पोषण पुनर्वास केन्द्र के आंकडे एनपीआर में सही नहीं भरने पर कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को चेतावनी दी एवं अगली बार गलती का दोहराव होने पर दण्डात्मक कार्यवाही करने की हिदायत दी।
जहॉ-जहॉ आंगनवाड़ी भवन नहीं बने है वहॉ कलेक्टर से भवन के लिए जमीन आवंटित करवा ले जहॉ भवन निर्माणाधीन है जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वयं जाकर निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करे। बच्चो का वजन करने के लिए जिन आंगनवाड़ी केन्द्रो पर मशीन नहीं है वहॉ मशीने जल्द ही भेजी जाएगी क्षेत्र के सभी बच्चों का वजन करवाना सुनिश्चित करे।
जिन आंगनवाड़ी केन्द्रो पर शौचालय नहीं है वहॉ तय डिजाइन के अनुसार शौचालय निर्माण कार्य करवाये। भोजन एवं नाश्ता दोनो की उपलब्धता सुनिश्चित करे। जो समूह नाश्ता एवं खाना अलग-अलग नहीं देता है उन्हे भुगतान नहीं करे जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सीडीपीओ पोषण आहार की गलत जानकारी देगा उस पर कार्यवाही की जाएगी। सुपोषण अभियान में चिन्हित सभी बच्चों की वजन निगरानी निरंतर करे। बच्चा अगर सुपोषित भी हो जाता है, तब भी उसके वजन की निगरानी रखे।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के लिए संचालित प्रशिक्षण केन्द्रो को जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वयं मानीटर करे। प्रशिक्षण संस्था द्वारा यदि प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है, तो अवगत कराये। कार्यकर्ता एवं सहायिका को नियत दिवस का पूरा प्रशिक्षण दिया जाये यह सुनिश्चित करे।
अटल बाल मिशन अंतर्गत अतिकम वजन वाले बच्चों को तीन बार भोजन देना है, सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं शाम का भोजन बच्चे को टिफिन में देना सुनिश्चित करे। ई-लाडली लक्ष्मी योजना के परिवर्तनों को क्रियान्वित करे।
ई लाडली लक्ष्मी योजना के प्रकरण जल्द से जल्द ऑनलाइन करे। मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना में प्राथमिकता से प्रशिक्षण देकर पीडित महिलाओं को विकास की मुख्य धारा से जोडा जाये।
बैठक में सुपरवायजर ने समयमान वेतन मान/क्रमोन्नति देने एवं आंगनवाड़ी के बच्चो के लिए भी यूनिफार्म बनाने की मांग रखी मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहां कि सभी शासकीय सेवक अपनी व्यक्तिगत समस्याएँ संयुक्त संचालक को दे। संयुक्त संचालक के माध्यम से समस्याओ का निराकरण किया जाएगा।
उक्त निर्देश महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मायासिंह ने बैठक में दिये। बैठक कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास मंत्री म.प्र. शासन श्रीमती मायासिंह ने की बैठक में विधायक पेटलावद सुश्री निर्मला भूरिया, विधायक थांदला श्री कलसिंह भाभर, विधायक झाबुआ श्री शांतिलाल बिलवाल, आयुक्त महिला एवं बाल विकास श्रीमती पुष्पलता सिंह, प्रमुख सचिव श्री कंसोटिया, कलेक्टर डॉ. अरूणा गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत श्री अर्जूनसिंह डावर, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास इन्दौर संध्या व्यास, उप संचालक महिला सशक्तिकरण इन्दौर श्रीमती मंजुला तिवारी, नगरपालिका अध्यक्ष श्री धनसिंह बारिया सहित झाबुआ एवं अलीराजपुर के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में दोनो जिलों की योजनावार समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश दिये गये।
ऐसे कुपोषित बच्चे जिन्हे पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किया जाना है। उन्हें उपचार के लिए भर्ती करवाये। बच्चों का फालोअप भी करे। झाबुआ एवं अलीराजपुर ब्लाक के पोषण पुनर्वास केन्द्र के आंकडे एनपीआर में सही नहीं भरने पर कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को चेतावनी दी एवं अगली बार गलती का दोहराव होने पर दण्डात्मक कार्यवाही करने की हिदायत दी।
जहॉ-जहॉ आंगनवाड़ी भवन नहीं बने है वहॉ कलेक्टर से भवन के लिए जमीन आवंटित करवा ले जहॉ भवन निर्माणाधीन है जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वयं जाकर निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करे। बच्चो का वजन करने के लिए जिन आंगनवाड़ी केन्द्रो पर मशीन नहीं है वहॉ मशीने जल्द ही भेजी जाएगी क्षेत्र के सभी बच्चों का वजन करवाना सुनिश्चित करे।
जिन आंगनवाड़ी केन्द्रो पर शौचालय नहीं है वहॉ तय डिजाइन के अनुसार शौचालय निर्माण कार्य करवाये। भोजन एवं नाश्ता दोनो की उपलब्धता सुनिश्चित करे। जो समूह नाश्ता एवं खाना अलग-अलग नहीं देता है उन्हे भुगतान नहीं करे जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सीडीपीओ पोषण आहार की गलत जानकारी देगा उस पर कार्यवाही की जाएगी। सुपोषण अभियान में चिन्हित सभी बच्चों की वजन निगरानी निरंतर करे। बच्चा अगर सुपोषित भी हो जाता है, तब भी उसके वजन की निगरानी रखे।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के लिए संचालित प्रशिक्षण केन्द्रो को जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वयं मानीटर करे। प्रशिक्षण संस्था द्वारा यदि प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है, तो अवगत कराये। कार्यकर्ता एवं सहायिका को नियत दिवस का पूरा प्रशिक्षण दिया जाये यह सुनिश्चित करे।
अटल बाल मिशन अंतर्गत अतिकम वजन वाले बच्चों को तीन बार भोजन देना है, सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं शाम का भोजन बच्चे को टिफिन में देना सुनिश्चित करे। ई-लाडली लक्ष्मी योजना के परिवर्तनों को क्रियान्वित करे।
ई लाडली लक्ष्मी योजना के प्रकरण जल्द से जल्द ऑनलाइन करे। मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना में प्राथमिकता से प्रशिक्षण देकर पीडित महिलाओं को विकास की मुख्य धारा से जोडा जाये।
बैठक में सुपरवायजर ने समयमान वेतन मान/क्रमोन्नति देने एवं आंगनवाड़ी के बच्चो के लिए भी यूनिफार्म बनाने की मांग रखी मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहां कि सभी शासकीय सेवक अपनी व्यक्तिगत समस्याएँ संयुक्त संचालक को दे। संयुक्त संचालक के माध्यम से समस्याओ का निराकरण किया जाएगा।
हर सुपरवायजर अपना कार्य ईमानदारी से करे। हमें ज्ञात है कि आप कठिन परिस्थितियों में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे है। सही जानकारी दे।
- आंगनवाड़ी केन्द्र नियमित खुले एवं पात्र सभी हितग्राहियों को सेवाएँ नियमित दे।
- आंगनवाड़ी केन्द्रो को इतना आकर्षक बना दे कि बच्चे स्वयं आंगनवाड़ी केन्द्र पर आये।
- बच्चों को नर्सरी स्तर की शिक्षा दे। मध्यप्रदेश से कुपोषण समाप्त होना चाहिए।
- अधिकारी आकस्मिक निरीक्षण करे जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अच्छा कार्य करती है उन्हे पुरस्कृत करे जो लापरवाही कर रही है उन्हें दण्डित भी करे।
- पोषण आहार पर विशेष ध्यान दे। केन्द्र पर नाश्ता एवं भोजन नियमित मिले।
- किशोर न्यास बोर्ड एवं बाल कल्याण संस्थाओं में सुधार किये जाये।
उक्त निर्देश महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मायासिंह ने बैठक में दिये। बैठक कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास मंत्री म.प्र. शासन श्रीमती मायासिंह ने की बैठक में विधायक पेटलावद सुश्री निर्मला भूरिया, विधायक थांदला श्री कलसिंह भाभर, विधायक झाबुआ श्री शांतिलाल बिलवाल, आयुक्त महिला एवं बाल विकास श्रीमती पुष्पलता सिंह, प्रमुख सचिव श्री कंसोटिया, कलेक्टर डॉ. अरूणा गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत श्री अर्जूनसिंह डावर, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास इन्दौर संध्या व्यास, उप संचालक महिला सशक्तिकरण इन्दौर श्रीमती मंजुला तिवारी, नगरपालिका अध्यक्ष श्री धनसिंह बारिया सहित झाबुआ एवं अलीराजपुर के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में दोनो जिलों की योजनावार समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश दिये गये।
कॉलेज एवं अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में उदिता कार्नर बनाये - मंत्री माया सिंह
शासन द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए माहवारी के समय होने वाले संक्रमण से बचाने के लिए उदिता योजना प्रारंभ की गई है। उदिता योजना में महिलाओं एवं बालिकाओं को सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध करवाने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र एवं शैक्षणिक संस्थाओं में उदिता कार्नर बनाये गये है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मायासिंह ने आज 20 अगस्त को कन्या महाविद्यालय परिसर में स्थित छात्रावास एवं आंगनवाड़ी केन्द्र रातीतलाई में उदिता कार्नर का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर विधायक पेटलावद सुश्री निर्मला भूरिया, विधायक झाबुआ श्री शांतिलाल बिलवाल, आयुक्त महिला एवं बाल विकास श्रीमती पुष्पलता सिंह, प्रमुख सचिव श्री कंसोटिया, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास संध्या व्यास, कलेक्टर डॉ. अरूणा गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत श्री अर्जूनसिंह डावर, उप संचालक महिला सशंक्तिकरण श्रीमती मजुला तिवारी सहित जनप्रतिनिधि एवं शासकीय सेवक उपस्थित थे।
अंतरी डावर को मिलेगी ट्रायसिकल
कन्या महाविद्यालय में बी.ए. 3 सेमेस्टर में अध्ययनरत विकलांग बालिका अंतरी डावर को ट्रायसिकल देने के लिए प्रमुख सचिव श्री कंसोटिया ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। मंत्री श्रीमती मायासिंह ने आंगनवाड़ी केन्द्र रातीतलाई का निरीक्षण भी किया। बच्चों से चर्चा की बच्चो को दुलार किया केन्द्र की व्यवस्थाएँ देख सराहना की एवं बच्चो के ज्ञान एवं एक्टिविटी से काफी अभिभूत हुई एवं प्रसन्नता जाहिर की प्रमुख संचिव श्री कंसोटिया ने बच्चो से खिलौनो के माध्यम से दैनिक उपयोग की चीजों, फल एवं सब्जियों को पहचानने को कहॉ, बच्चों ने सभी जवाब सही दिये।
आंगनवाड़ी केन्द्र परिसर में मंत्री मायासिंह ने स्वागत लक्ष्मी योजनांतर्गत कन्या का स्वागत किया एवं लाडली लक्ष्मी योजना के प्रमाण-पत्र वितरित किये। आंगनवाड़ी केन्द्र परिसर में मंत्री श्रीमती माया सिंह ने बच्चो के चलित स्कूल में अध्ययन रत बच्चों से चर्चा की एवं उन्हें स्कूल छात्रावास/ आश्रम में अध्ययन करने के लिए कहा। बच्चो ने पढ़-लिखकर अच्छा अफसर बनने का वादा लिया।
आंगनवाड़ी केन्द्र परिसर में मंत्री मायासिंह ने स्वागत लक्ष्मी योजनांतर्गत कन्या का स्वागत किया एवं लाडली लक्ष्मी योजना के प्रमाण-पत्र वितरित किये। आंगनवाड़ी केन्द्र परिसर में मंत्री श्रीमती माया सिंह ने बच्चो के चलित स्कूल में अध्ययन रत बच्चों से चर्चा की एवं उन्हें स्कूल छात्रावास/ आश्रम में अध्ययन करने के लिए कहा। बच्चो ने पढ़-लिखकर अच्छा अफसर बनने का वादा लिया।
बाल संप्रेषण गृह में गेस्ट फेकल्टी द्वारा प्रशिक्षण की व्यवस्था करें
बाल संप्रेषण गृह में रह रहे बच्चो को व्यवसाय उन्मुखी करने के लिए गेस्ट फैकल्टी की व्यवस्था कर कौशल उन्नयन संबंधी प्रशिक्षण की व्यवस्था करे, पहली से 12वीं कक्षा तक की पुस्तके पढ़ाई के लिए उपलब्ध करवाये, ताकि बच्चे पढाई करे सके। बच्चो को नैतिक शिक्षा दी जाये।
उक्त निर्देश मंत्री श्रीमती माया सिंह ने संबंधित अधिकारियों को दिये। मंत्री मायासिंह ने किशोर न्यास बोर्ड के बच्चों से चर्चा की उनके हालचाल जाने एवं कहां कि आपके यहां आने की परिस्थियॉ भले ही कुछ भी रही हो, किन्तु यहॉ से अच्छा इन्सान बनकर निकलना, स्वयं एवं समाज का विकास करना। यहॉ कोई परेशानी हो, तो बताये हम हल करेगे।
निराश्रित बाल आश्रम की व्यवस्थाएँ सुधारे- मंत्री मायासिह
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मायासिह ने अपने झाबुआ जिले के प्रवास के दौरान निराश्रित बाल आश्रम झाबुआ का भी निरीक्षण किया एवं बच्चों से चर्चा की। बच्चों की मांग पर बच्चों को प्रातः 8 बजे नाश्ता उपलब्ध करवाने के लिए अधीक्षक को निर्देशित किया एवं आश्रम के सुचारू संचालन के लिए कलेक्टर डॉ. अरूणा गुप्ता को निर्देशित किया।
निरीक्षण के दौरान उनके साथ विधायक पेटलावद सुश्री निर्मला भूरिया, विधायक झाबुआ श्री शांतिलाल बिलवाल, आयुक्त महिला एवं बाल विकास श्रीमती पुष्पलता सिंह, प्रमुख सचिव श्री कंसोटिया, कलेक्टर डॉ. अरूणा गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत श्री अर्जूनसिंह डावर, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास इन्दौर संध्या व्यास, उप संचालक महिला सशक्तिकरण इन्दौर श्रीमती मंजुला तिवारी, नगरपालिका अध्यक्ष श्री धनसिंह बारिया सहित झाबुआ एवं अलीराजपुर के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।