झाबुआ :शनिवार को शहर में भक्तिभाव के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। मंदिरों में नयनाभिराम सजावट कर प्रभु प्रतिमाओं का श्रृंगार किया गया। प्रमुख चौराहो के साथ कॉलोनियों में भी लोगों ने मिलकर दही-हांडी का आयोजन कर नृत्य के साथ उत्सव मनाया। देवालयों में देर रात आरती के बाद माखन-मिश्री की प्रसाद वितरित की गई।
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर कई मंदिरों में झांकियां और झूले सजाए गए। शाम से ही राधाकृष्ण मंदिर, चारभुजा नाथ मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, श्री राम मंदिर सहित अन्य देवालयों में दर्शनों के लिए की भीड़ लगती रही। शहर में मंदिरों और प्रमुख चौराहो के साथ कॉलोनियों में मटकियां बांधी गई, जिन्हें उतारने के लिए ग्वालों की टोलियां मशक्कत करती रही। श्री राधाकृष्ण मंदिर आज़ाद चौक में जन्माष्टमी पर भक्तों का तांता लगा रहा। मंदिर के पुजारी रमेश चन्द्र त्रिवेदी ने बताया कि सुबह भगवान का अभिषेक, श्रृंगार, हवन किया गया। मंदिर में मां यशोदा और कान्हा की मनोहारी झांकी और झूला भी सजाया गया। रात में जन्मोत्सव धूमधाम से मनाकर महाआरती की गई।
राजवाड़ा स्थित सत्यनारायण मंदिर के पुजारी प्रदीप भट्ट ने बताया कि शाम से राधा-कृष्ण की पारंपरिक झांकी सजाई गई। रात में महाआरती कर माखन-मिश्री की प्रसाद वितरित की गई। राजवाड़ा स्थित राधा कृष्ण मंदिर पर सुबह पूजन के बाद भजन संध्या हुई। मंदिर में आकर्षक सज्जा के साथ झूला सजाया गया। महिलाओं ने भजनों पर नृत्य और फूलों की होली खेलकर उत्सव मनाया।
चारभुजा नाथ मंदिर में झांकी और झूला सजाया गया। मंदिर आकर्षक विद्युत सज्जा से जगमाता रहा। मंदिर में हरे-भरे बगीचे की झांकी बनाई गई। इसके बाद भजन संध्या में महिलाओं व बच्चों ने नृत्य, गीत के साथ आनंद लिया। मंदिर के बाहर दही-हांडी भी टांगी गई। श्रीराम मंदिर में भी भव्य सजावट पर झूला लगाया गया। मंदिर में भजन संध्या हुई। सुबह से ही मंदिरों पर तांता लगना शुरू हो जाता है। रात 12 बजे तक सभी भक्त मंदिरों पर ही मौजूद रहे, तत्पश्चात महाआरती एवं प्रसादी का वितरण हुआ।
स्थानीय राजवाड़ा चौक पर हुआ मटकी फोड़ आयोजन