
पेड न्यूज समिति यह देखेगी कि चैनल पर सर्टिफाइड विज्ञापन ही प्रसारित हुआ है। समिति पेड न्यूज के संबंध में रिटर्निंग अधिकारी को रिपोर्ट करेगी। पेड न्यूज के संदेहास्पद मामले में अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय लेखों में डीआईपीआर और डीएवीपी की दरों के आधार पर काल्पनिक व्यय या प्रकाशित सामग्री पर वास्तविक व्यय को शामिल करने के लिए अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर नोटिस की प्रति व्यय प्रेक्षक को भी मार्क की जायेगी। पेड न्यूज के निर्धारित मामलों में समिति द्वारा आकलित काल्पनिक व्यय के संदर्भ में यह प्रत्येक अभ्यर्थी के बारे में दैनिक रिपोर्ट निर्धारित फार्मेट में प्रस्तुत की जावेगी।
जिला एमसीएमसी में संदर्भ प्राप्त होने पर प्रकाशन/प्रसारण/सीधा प्रसारण/शिकायत की प्राप्ति के 96 घण्टों के भीतर रिटर्निंग आफिसर अभ्यर्थी को नोटिस देगे कि क्यों नहीं यह व्यय निर्वाचन व्यय में शामिल किया जावे। संबधित अभ्यर्थी से एम.सी.एम.सी को नोटिस जारी होने के 48 घण्टे के अंदर जवाब न मिलने पर एम.सी.एम.सी का निर्णय अंतिम होगा।
उक्त जानकारी आज 14 नवम्बर को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न पेड न्यूज समिति की बैठक में दी गई। बैठक की अध्यक्षता एम.सी.एम.सी कमेटी के अध्यक्ष एवं कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. अरूणा गुप्ता ने की। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अर्जुनसिंह डावर सहित एम.सी.एम.सी समिति के सदस्य उपस्थित थे।
क्या है पेड न्यूज
- भारतीय प्रेस परिषद ने ऐसे समाचार अथवा ऐसा निर्वाचन विश्लेशण जिसके प्रकाशन और प्रसारण के लिए शुल्क का भुगतान किया गया है, को पेड न्यूज माना है।
- समाचार जिसमें उल्लेख किया गया हो कि इनके कारण प्रतिद्वंदी उम्मीदवार चुनाव मैदान से लगभग बाहर है।
- पत्रो में एक ही साइज के समाचार फोटो के साथ ऐसे स्थान पर प्रकाशित हो, जहां सामान्यतः विज्ञापन प्रकाशित होते है।
- कुछ समाचार पत्रो में एक ही ले आउट, फोन्ट और प्रिन्ट आउट तथा फोटो के समाचार अलग-अलग पृष्ठो पर छपे हो।
- भारतीय प्रेस परिषद की मार्गदर्शिका के अनुसार सभी प्रकाशनो को न्यूज को स्पश्ट रूप से सीमांकित किया जाना चाहिये तथा विज्ञापन से भिन्न होना चाहिये।
- ऐसे समाचार जो किसी उम्मीदवार के पक्ष में हो और उन पर किसी लेखक का नाम अंकित न हो।
- किसी समाचार पत्र में बैनर, हैडलाइन में प्रकाशित किया जाय कि अमुक पार्टी या उम्मीदवार इस बार चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा। इससे संबंधित विस्तृत समाचार उस पत्र में कहीं भी प्रकाशित न हुआ हो।