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आकाशदीप राठौर बने पिस आफ इंडिया के आय.टी.सेल प्रमुख

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       आकाशदीप सिंह राठौर आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले के रहने वाले है  पिस आफ इंडिया ने उन्हे मध्य प्रदेश ईकाई का युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिया । जिसे आकाश ने बखूबी निभाते हुए प्रदेश में पिस आफ इंडिया के बैनर तले उसका विस्तार किया और अपनी नियुक्ति के साथ ही पांच सौ सदस्य पिस आफ इंडिया के बनाकर आपने प्रदेश के कई जिलो में पिस आफ इंडिया के बैनर तले कार्य किये है।
Akashdeep-Rathore-becomes-Piese-of-India-IT-cell-chief           जिसे देखते हुए पिस आफ इंडिया के अखिल भारतीय अध्यक्ष श्री विशाल भारद्वाज ने आकाशदीप को प्रमोट करते हुए उन्हे आय.टी.सेल का प्रमुख नियुक्त करते हुए राष्ट्रीय कोर कमेटी में स्थान दिया है।
        आकाश दीप की इस उपलब्धी पर पिस आफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सिंह वर्मा,पिस आफ इंडिया के झाबुआ जिला अध्यक्ष राजेश चौहान,धार जिला अध्यक्ष मोहित सिंह चौहान,प्रदेश किसान मोर्चा के अध्यक्ष चन्द्रभानसिंह सोलंकी, प्रदेश महिला अध्यक्षा श्रीमति आरती भानपुरिया, प्रदेश संरक्षक मनोज मेहता, प्रदेश पदाधिकारी हर्ष मेहता, जयेन्द्र बैरागी, पिस आफ इंडिया के राष्टिय प्रवक्ता सतीश शर्मा, राष्टिय मंत्री जयदीप पंवार, अनुराग शर्मा, जयंत बैरागी, मनीष कुमट, निरज जैन, रूचिन रूनवाल आदि ने बधाईयां प्रेषित की है।
                           

छेड़छाड़ की घटनाओं पर पुलिस का एक्शन, मनचलों का सरेबाजार निकाला जुलूस

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इसी कड़ी में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 214/18 धारा 354,147,149,323,506,426 भादवि मे आरोपी रोहन पिता लालसिह डामोर, उम्र 22 वर्ष, निवासी नवागांव झाबुआ को एवं अपराध क्रमांक 224/18 धारा 366,376,344,506 भादवि मे आरोपी पारसिंह पिता कालिया जाति डामोर, उम्र 19 वर्ष, निवासी छोटी गोला को गिरफ़्तार कर दोनों आरोपियो को पैदल जिला न्यायालय में पेश किया गया।

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      वही थाना कोतवाली में लड़की के साथ की गई छेड़छाड़ में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 217/18, धारा 354 भादवि व 7/8 पाक्सो एक्ट के आरोपी मुकेश पिता अकरम मसानिया, निवासी किशनपुरी झाबुआ को गिरफ्तार कर पेदल जुलूस निकालते हुए जिला न्यायालय में पेश किया गया।



एएसपी ने लक्ष्मीनगर समिति की महिला इकाई द्वारा संचालित प्याऊ का शुभारम्भ किया

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इस अवसर पर एएसपी भदौरिया ने इस नेक कार्य की सराहना करते हुए कहा कि महिलाए बहुत ही पुनीत कार्य कर रही है इसके लिए वे बधाई की पात्र है ओर जिले में एक अच्छा सन्देश दे रही है। समिति की अध्यक्ष मोहिनी पालिवाल ओर सचिव कौशल्या महोबिया ने बताया कि पिछले वर्ष भी हमारे द्वारा प्याऊ का सफल संचालन किया गया था इस वर्ष भी लक्ष्मीनगर की सभी महिलाओं द्वारा पैसा एकत्रित किया गया है । 
      समिति इस प्याऊ का संचालन वर्षाकाल तक करेगी। प्याऊ में एक कर्मचारी की व्यवस्था भी की गई है जो कि सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक राहगीरो को पानी पिलाएगी। 
बड़वानी से बुलाई गई नान
समिति की निम्मी शर्मा ने बताया कि प्याऊ की आठ नान बड़वानी से  बुलवाई गई है । इन नानो में रात्रि में ही पानी भर दिया जाएगा जिससे दिन में सभी को ठंडा जल मिल सकेगा। समिति की कुंता सोनी ओर रेखा माहेश्वरी ने बताया कि प्रतिवर्षनुसार इस वर्ष भी मिठे बोरिंग का पानी प्राइवेट वाहन से भरने की व्यवस्था समिति की ओर से की गई है। इस अवसर पर समिति की सचिव कौशल्या महोबिया,कुंता सोनी,रेखा माँहैश्वरी,निम्मी शर्मा,निशा शर्मा,भावना पालीवाल, ममता संघवी, भारती राठौर, आरती माहेश्वरी, टीना परमार, सोनू पालीवाल, श्रुति,आदि उपस्थित थी।

एएसपी ने लक्ष्मीनगर समिति की महिला इकाई द्वारा संचालित प्याऊ का शुभारम्भ किया -ASP-Launches-drinking-water-plant-Laxmi-Nagar-Women-Entity

तीन दिवसीय आर्ट ऑफ लिविंग शिविर 6 अप्रेल से

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यह जानकारी देते हुए संस्था के जयसिंह दोहरे ने बताया कि शिविर में प्रशिक्षण प्रशिक्षक केएस चुंडावत द्वारा दिया जाएगा। इसमें सरल व्यायाम, योगासन, प्राणायाम, निर्देषित ध्यान, सुदर्शन क्रियाएं आदि करवाया जाएगा। शिविर में हिस्सा लेने के लिए पंजीयन प्रारंभ हो चुका है। 
तीन दिवसीय आर्ट ऑफ लिविंग शिविर 6 अप्रेल से -art-of-living-shivir-jhabua-started-on-6-april       शिविर से पूर्व पंजीयन नीरजसिंह राठौर, पंकज जैन मोगरा, जितेन्द्र बाबेल,  संत वीरसिंह आदि से संपर्क कर शिविरार्थी द्वारा करवाया जा सकता है। यह पंजीयन कार्य 5 अप्रेल तक होगा। संस्था के श्री दौहरे, श्री चुंडावत, दिलीप डामोर आदि द्वारा शिविर को सफल बनाने की अपील शहरवासियों से की गई है। 


पेटलावद में अंत्योदय मेला एवं कन्यादान योजनांतर्गत विवाह संपन्न

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     कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक सुश्री भूरिया ने कहा कि शासन की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना ऐसे परिवारो के लिए वरदान साबित हुई है, जिन परिवारो के पास विवाह के लिए राशि का अभाव रहता था। शासन ने गरीब परिवारो की कन्याओं का विवाह करने का बीडा उठाया है। शासन द्वारा कन्या पक्ष की तरफ से विवाह की सारी रस्में निभाई जाती है। 
      शासन की इस योजना में 25 हजार रूपये प्रति कन्या विवाह हेतु दिया जाता है। सभी पात्र व्यक्ति इस योजना का लाभ ले। आमजन एवं जनप्रतिनिधियों से भी आगह है कि वे भी पात्र व्यक्ति जो आसपास है, उनका पंजीयन करवाकर लाभान्वित करवाये। कार्यक्रम को जनपद अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया। आभार प्रदर्शन सीईओ जनपद ने किया। 

व्यापारी प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट आज से शुरू

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ट्राफियों का किया गया अनावरण

सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष एवं आयोजन के सूत्रधार नीरजसिंह राठौर ने बताया कि विजेता, उपविजेता एवं तृतीय विजेता के साथ मेन आॅफ द मैच, मेन आॅफ द सीरीज एवं अनेक पुरस्कार रोटरी क्लब झाबुआ अध्यक्ष उमंग सक्सेना द्वारा दिए जा रहे है। स्पर्धा का प्रथम पुरस्कार रोटरी क्लब आजाद की ओर से 31 हजार रू. घोषित किया गया है। द्वितीय पुरस्कार 21 हजार रू. भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक विकास शाह तथा तृतीय पुरस्कार बालाजी मोटर्स (टेफे) के अषोक की ओर से 11 हजार रू. प्रदान किया जाएगा। सभी खिलाड़ियों को दर्शन शुक्ला की ओर से ट्राफियां प्रदान की जाएगी।
महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था
व्यापारी संघ सचिव कमलेश पटेल ने बताया कि वीपीएल का आनंद लेने के लिए आने वाले लोगों के बैठने के लिए 3 प्लेटफार्म बनाए गए है। जिसमें एक महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा। 8 बाय 20 की बड़ी स्क्रीन लगाई जा रहीं है। जिससे सभी मैचों का सीधा प्रसारण होगा। एसआर केबल के माध्यम से 230 शहरों में भी स्पर्धा का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
उद्घाटन में यह रहेंगे अतिथि
व्यापार संघ के सह-सचिव पंकज जैन मोगरा ने बताया कि प्रतियोगिता का शुभारंभ 2 अप्रेल को शाम 6.30 बजे किया जाएगा। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विधायक शांतिलाल बिलवाल, कलसिंह भाबर, सुश्री निर्मला भूरिया उपस्थित रहेंगी। विशेष अतिथि नव भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर सेठिया रहेंगे।

vyapari-cricket-league-tournament-started-today-jhabua-झाबुआ व्यापारी प्रीमियर लीग-2 टेनिस बाॅल क्रिकेट प्रतियोगिता आज से
काॅलेज मैदान पर ट्राफी एवं ड्रेस कोड का अनावरण करते अतिथि एवं टीमों के कप्तान

राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग का सफल शिविर आयोजन

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- 213 घुटना पीड़ितों का हुआ पंजीयन

इस शिविर में घुटनों के दर्द से पीड़ित ऐसे व्यक्ति जो - 
  • दवाइयां खा-खा कर परेशान है।
  • घुटनों के ऑपरेशन से बचना चाहते है।
  • घुटनों के ऑपरेशन के बाद भी दर्द से परेशान है। 
  • चलना-फिरना, सीढियां चढ़ाना-उतारना मुश्किल हो गया है। 
  • घुटनों का ग्रीस ( साइनावियाल) खत्म हो गया है। 

          उनका परीक्षण करते हुए उचित परामर्श दिया। शिविर संयोजक आयोग के कार्यवाहक प्रदेशाध्यक् पवन नाहर ने बताया कि आयोग और संगठन के माध्यम से घुटनों के दर्द से पीड़ित रोगियों को जगृति नी कैलिपर जिनकी एक पैर की कीमत 4 हजार रूपये है उसे शिविर के माध्यम से आधे दामों में उपलब्ध करवाये गये। आज के इस आयोजन में आयोग के मिडिया सेल अध्यक्ष मेघनगर के सुनील डाबी, नीलेश भानपुरिया, अलीअसगर बोहरा, पेटलावद के संतोष गुजराती, कीर्तिश जैन, रायपुरिया के गोपाल चोयल, झकनावदा के मनीष कुमट, प्रशांत मोंटू उपाध्याय, आत्माराम शर्मा, चंदू प्रेमी, पंकज चौरड़िया, अलीअसगर बोहरा, नीरज सौलंकी, जिगर बसेर, मनोज उपाध्याय, ऋषि भट्ट व पेंशनर एशोसियन के मुरलीधर वर्मा ने अपनी सेवाएं प्रदान की। 
        शिविर के समापन में श्रीसंघ अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत, बोहरा समाज सेकेट्री उद्योगपति अलिहुसैन भाई नाकेदार, पूर्व पार्षद मुस्तम भाई बोहरा, भाजपा जिला उपाध्यक्ष फकीरचंद राठौड़, उधोगपति रजनीकांत लोढा के सानिध्य में आयोग के सदस्यों ने राजस्थान से पधारें सभी डॉक्टर का सम्मान किया गया। शिविर में बदनावर, धार, बांसवाड़ा, झकनावदा, करवड़, झाबुआ, खवासा, बामनिया, पेटलावद, रायपुरिया, रूपगढ़, मेघनगर, परवलिया सहित आस-पास के कई गाँव के लोगो ने घुटना दर्द से राहत पाई और शिविर आयोजक आयोग के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

सांसद कांतिलाल भूरिया ने संसद में उठाया एसटी/एससी एक्ट में किए संशोधन का मुद्दा

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इस प्रकार यह अपराध गैर-जमानती होता था इस प्रावधान के रहते हुए इन समुदाय के लोगों पर यदि किसी प्रकार का शोषण किया जाता था तो उस दशा में अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को कानून में पर्याप्त सुरक्षा, आत्मसम्मान की ग्यारंटी होती थी तथा यह समाज जीवन की मुख्य धारा में अपने आपको सुरक्षित महसूस करता था।  
      इस सुरक्षा की भावना के रहते हुए अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग अपना जीवन निर्वाद रूप से जीने के लिए स्वतंत्र थे। किंतु हमारे देश की यह बड़ी विड़बना है कि संसद द्वारा बनाए गए कानून को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अवैध घोषित कर दिया गया है। इस कानून को जमानती बना दिया गया है जिससे की इन समुदाय के लोगों को प्रताडित करने वाले लोगों को आजादी मिल गई है तथा इस अपराध को करने के बाद भी उन्हें  तुरंत कोर्ट से जमानत मिल जाएगी और शोषित व्यक्ति को न्याय तो क्या वह आत्मसम्मान से जीने का मूल-मंत्र भी खो देगा। दिन-प्रतिदिन उन्हें अन्यत समुदाय के लोगों के द्वारा प्रताडित किया जाएगा एवं अपराध करने के बाद भी अपराधी कानून की गिरफ्त से दूर होगा। 
    सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उपरोक्त कानून को अवैध घोषित करने के पश्चात इस समुदाय में घोर निराशा व्याप्त हो गई है और वह अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्हें डर है कि अन्य समुदाय के लोगों के द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को प्रताडित किया जाएगा जिससे की वह अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहें है।
      भारत सरकार को इस बिंदु पर गंभीरता से कार्यवाही करते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए जो कानून अवैध घोषित किया गया है उसे बहाल किया जाना चाहिए अन्यथा यह मान लिया जाएगा कि इस सरकार की अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के प्रति किसी भी प्रकार की सहानुभूति नहीं है तथा वह इसके अधिकारों के संरक्षण हेतु गंभीर नहीं है। 
सांसद कांतिलाल भूरिया ने संसद में उठाया एसटी/एससी एक्ट में किए संशोधन का मुद्दा-MP-Kantilal-Bhuria-issue-amendment-in-the-ST-SC-Act-raised-in-Parliament         केन्द्र सरकार पर दबाव बनाते हुए श्री भूरिया के साथ संसद के प्रतिपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद भवन में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भेंट कर इस बारे में अवगत कराया। तत्पदश्चात संसदीय कार्यमंत्री श्री अनंत कुमार द्वारा लोकसभा में वक्तव्य दिया गया कि सरकार इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय में पुर्नविचार याचिका प्रस्तुत करेगी। जिससे की कानून को पुन मान्य किया जा सकेगा। जिससे की अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को राहत मिलेगी। उक्त जानकारी जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष डॉ.विक्रांत भूरिया एवं प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने दी।

विधायक ने 88 लाख की लागत की नल जल योजना का पिटोल में किया भूमि पूजन

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भाजपा जो कहती है वह करती है- मनोहर सेठिया 

पिटोलवासियों की बहु प्रतिक्षित इस मांग के आज पूरा हो जाने से अब पानी को लेकर किसी भी प्रकार की परेशानिया नही उठाना पडेगी । श्री बिलवाल ने कहा कि प्रदेश की सरकार ने किसानों की बेहतरी के लिये ढेरो योजनाये एवं कार्यक्रम लागू करके प्रदेश में कृषि क्रांति लाई है । 
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       शिवराजसिंहजी के मुख्यमंत्रीत्व काल में प्रदेश को 5 बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिलना प्रदेश की भाजपा सरकार के किसान हितैषी कामों का ज्वलन्त उदाहरण है । श्री बिलवाल ने कहा कि उक्त योजना यथाशीघ्र पूर्ण होकर इसका लाभ पिटोलवासियों को मिलने लगेगा । प्रारंभ में 2 बरसों तक ठेकेदार द्वारा इसे संचालित किया जावेगा तथा दो साल बाद इसे गा्रम पंचायत को अन्तरित कर दी जावेगी । उक्त बात सोमवार को पिटोल में 88 लाख की लागत से बनने वाली नल जल योजना का भूमि पूजन करते समय विधायक शांतिलाल बिलवाल ने उपस्थित गा्रमजनों को संबोधित करते हुए कही
    नलजल योजना के भूमिपूजन के अवसर पर  जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया, मण्डल अध्यक्ष हरू भूरिया, मंडी संचालक जगदीश बडदवाल, महामंत्री लाला गारी, महेन्द्रसिंह ठाकुर, जनपद सदस्य बलवंत मेडा, श्रीमती मंजु मेडा, जोगडाभाई बबेरिया, प्रतिक शाह, विनोद पांचाल, राजेश अरोडा, थावरभाई डामोर सहित बडी संख्या मे गा्रमीणजन एवं पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे । नल जल योजना के भूमि पूजन के अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया ने कहा कि भारतीय जनता जनता पार्टी के शासनकाल में बिना किसी भेदभाव के  हर गा्रम एवं फलिये की समस्या का निदान हो रहा है तथा लोगों को सभी सुविधाये दिलाये जाने में प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार कृत संकल्पित है । 
      उन्होने विधायक शांतिलाल बिलवाल के प्रयासों की  प्रसंशा करते हुए कहा कि विधायक ने पूरे विधानसभा क्षेत्र में करोडा के विकास कार्य करवा कर अंचल में खुशियाली लाने के कोई प्रयास बाकी नही रखे है । उन्होने आगामी 6 अप्रेल को भाजपा के स्थापना दिवस को बुथ स्तर तक मनाये जाने के बारे में कहा कि भारतीय जना पार्टी ही विकास का दुसरा नाम है ।उन्होने कहा कि भाजपा की सरकार जो कहती है  वह करके दिखाती है, । 
आयोजित जन सभा में स्वागत भाषण देते हुए सरपंच काना गुण्डिया ने नल जल योजना प्रारंभ करने के लिये विधायक शांतिलाल बिलवाल का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इसे  नगर की पूरानी मांग को पूरा करने वाला कदम बताया ।

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रतलाम मण्डल रेल प्रबंधक से मिले रेलवे सुरक्षा समिति के सदस्य बताई समस्या

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  डीआरएम ने सशर्त अनुमति प्रदान करने का आश्वासन देते हुए जल्द स्वीकृति पत्र मिल जाने की बात कही। थांदला रोड़ की समस्याओं को अवगत करवाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष पवन नाहर ने कहा कि स्टेशन पर लाईट की समस्या है। 
        स्टेट पोल और अन्य पोल तो लगे है लेकिन लाईट नही लगी है। इसका व सफाई व्यवस्था पर त्वरित निराकरण करते हुए डीआरएम ने सम्बंधित अधिकारी को इस पर कार्यवाही के आदेश दिए। डीआरएम सुनकर ने कहा कि हर समस्या का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। जल्द ही स्टेशन पर अन्य सुविधाओं में भी काम चल रहा है वही मेघनगर में अतिरिक्त स्टेशन प्रबंधक नियुक्त किया गया है। डीआरएम के साथ एडीआरएम कमल किशोर, मण्डल वाणिज्य प्रबंधक विपुल सिंघल मौजूद थे। रेल्वें सुरक्षा समिति के अध्यक्ष राकेश खेमसरा, पवन नाहर, आत्माराम शर्मा, मनोज उपाध्याय, गौरव भंडारी, अजय गांधी आदि ने चर्चा करते हुए जल्द समाधान होने की अपेक्षा की।

रतलाम मण्डल रेल प्रबंधक से मिले रेलवे सुरक्षा समिति के सदस्य बताई समस्या

झाबुआ कलेक्ट्रेट में कम्प्यूटर ऑपरेटर पदों पर निकली भर्तिया

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कलेक्टर  कार्यालय (अधीक्षक ) में कार्य दिवसों में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि  10 अप्रैल 2018तक है ।

पद का नाममानदेय वर्ग संवर्ग
कार्यालय सहायक सह डाटा एंट्री ऑपरेटर10000/- ( प्रतिमाह ) अनुसूचित जनजाति


शैक्षणिक योग्यताएं 
  • यूजीसी. से मान्यता प्राप्त किसी भी विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि कंप्यूटर संचालन में दक्षता एवं किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन कफ्यूटर एप्लिकेशन (डी.सी.ए.) ।
  • आवेदन दिनांक को विज्ञान एवं प्रौघोगिकी विभाग द्वारा आयोजित कम्प्यूटर  दक्षता प्रमीकरण परीक्षा (सीपीसीटी) प्रमाण पत्र (स्कोर कार्ड ) कम्प्यूटर+  हिंदी टाईपिंग (20 शब्द प्रतिमिनट उत्तीर्ण) अनिवार्य है।
  • आयु :-समस्त उम्मीदवारो की आयु सीमा 01 . 01 2018  को 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए एवं 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
नोट -  अजजा अभ्यर्थियों  हेतु आयु सीमा मे छूट  मध्यप्रदेश शासन भर्ती नियमानुसार दिया जावेगा। 
अन्य  शर्ते 
    झाबुआ कलेक्ट्रेट में कम्प्यूटर ऑपरेटर पदों पर निकली भर्तिया, अंतिम तिथि 10 अप्रैल-Recruitment-on-computer-operator-posts-in-Jhabua-Collectorate-last-date-10-April
  • निर्धारित प्रारूप में ही आवेदन स्वीकार किये जायेंगे। आवेदन निर्धारित प्रारूप में न होने की दशा में आवेदन अस्वीकार कर दिया जायेगा।
  • आवेदन द्वारा आवेदन पत्र अपूर्ण/त्रुटिमूर्ण अथवा असत्य जानकारी देने पर आवेदन निरस्त किया जावेगा।
  • अभ्यर्थी को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है 
  • आवेदन पत्र के साथ शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य अहर्ता सम्बन्धी स्वप्रमाणित प्रतिलिपियाँ सलग्न करना अनिवार्य है।  आवेदन पत्रों की जाँच के पश्चात् पात्र उम्मीदवारों की मेरिट सूची कार्यालयीन सुचना पटल पर चस्पा की जावेगी एवं nic की वेबसाइट jhabua.nic.in पर अपलोड की जावेगी।  जो आवेदक पत्र नहीं होंगे उन्हें अलग से कोई सुचना नहीं दी जावेगी।  

आवेदन पत्र का प्रारूप एवं विज्ञप्ति नीचे देखे 

पुलिस उपनिरीक्षक श्रद्धा पवांर ने प्रदेश में पाया पहला स्थान

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झाबुआ।  जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर में 89 वीं बैच 2016 में आयोजित प्रशिक्षण सत्र में आन्तरिक एवं बाह्य प्रशिक्षण में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सूबेदार सुश्री कोमल मीणा को 11,001/-रू. के नगद पुरूस्कार एवं आन्तरिक विषयों के योग में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर उप निरीक्षक श्रीमती श्रद्धा पंवार को 7,501/-रू. का नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किया गया।   
          सूबेदार कोमल मीणा द्वारा 12 आरमोरी एवं फायरिंग रेंज प्रबंधन में प्रथम स्थान प्राप्त किया एवं उप निरीक्षक श्रद्धा पवांर ने सायबर क्राइम के पेपर में टाप किया। जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर में आयोजित समारोह में दोनों अधिकारियो को विशेष पुलिस महानिदेशक शिल्ड से सम्मानित किया गया। झाबुआ एसपी महेशचंद्र जैन एवं एडिशनल एसपी रचना भदौरिया द्वारा दोनों अधिकारियों को इस सराहनीय उपलब्धि पर बधाई दी गई।

पुलिस उपनिरीक्षक श्रद्धा पवांर ने प्रदेश में पाया पहला स्थान-Police-Inspector-Shradha-Panwar-first-rank-in-the-mp-state

भारत माता की सेवा के लिए हमारे कार्यकर्ताओं की ऊर्जा और समर्पण का प्रकल्प है भाजपा - मनोहर सेठिया

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भारतीय जनता पार्टी ने उत्साह के साथ समारोह पूर्व मनाया भाजपा का स्थापना दिवस

झाबुआ । भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के लिये 6 अप्रेल का दिन कोई सामान्य दिन नहीं है। इस दिन हमारे मन में एक अत्यंत खास बात अंकित हुई थी। इस दिन भारत की राजनीति का हमेशा के लिए कायापलट हुआ था। आज से 36 वर्ष पूर्व 6 अप्रेल को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई थी। भारतीय जनता पार्टी की विशिष्टता के बारे में कहा जावें तो शब्द भी कम पड़ जाएंगे। मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए लाखों निस्वार्थ कार्यकर्ताओं ने सेवा, त्याग और देशभक्ति की भावना से उनका जीवन समर्पित कर दिया था। इन लोगों के खून-पसीने से भारतीय जनता पार्टी का उदय सम्भव हुआ है। यह किसी एक व्यक्ति या परिवार की बात नहीं बल्कि भारत माता की सेवा के लिए हमारे कार्यकर्ताओं की ऊर्जा, दृढ़ संकल्प और समर्पण की बात है और इसी से आज भी भाजपा मजबूती से आगे बढ़ रही है।
            भारत को वैश्विक नेतृत्व के शिखर पर ले जाने के मकसद से देशभर में एक विजन और एक मिशन से काम करने वाले तमाम नेताओं, साथियों और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है कि आज के निराशावादी और अनिश्चितता के माहौल में अगर कोई पार्टी महात्मा गांधी के सुराज्य के सपने को साकार करने में सक्षम हो या कोई पार्टी स्वामी विवेकानन्द के भारत को जगदगुरु बनाने के सपने को साकार करने में सक्षम है तो वह भाजपा ही है। पूरे देश के कोने कोने तक आज भाजपा जनज न की आस्था, विश्वास का केन्द्र बन चुकी है  और पार्टी का परचम पूरे देश में सतत लहराता जारहा है । भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत का ही परिणाम है कि भाजपा तेजी के साथ जन आकांक्षाओं को पूरा करने में आगे बढ रही है। 
      उक्त उदबोधन शुक्रवार को स्थानीय राजगढ नाका स्थित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर भाजपा नगर मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में माल्यार्पण कर भाजपा के स्थापना दिवस को मनाने के अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया ने उपस्थित उत्साही भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहे । इसके पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल ने भी भाजपा के स्थापना दिवस के बारे मे बताया कि कांग्रेस मुक्त भारत का जो सपना हमारे नेताओं का है वह पूरा होता दिखाई देने लगा है । भाजपा की स्थापना को  36 वर्ष की अवधि हो चुकी है और विश्व स्तरीय पार्टी के रूप  में प्रतिस्थापित हो गई है।
      नगर मंडल झाबुआ के भाजपा स्थापना दिवस पर पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण के अवसर पर जिला भाजपाध्यक्ष मनेाहर सेठिया, विधायक शांतिलाल बिलवाल, पूर्व नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, ओ पी राय,प्रवीण सुराणा मंडल अध्यक्ष बबलु सकलेचा, विजय नायर, कल्याणसिंह डामोर, सोमसिंह सोलंकी, अजय सोनी, पर्वतसिंह मकवाना, श्रीमती बंसती बारिया, निर्मला अजनार, मुकेश अजनार, राजेन्द्र सोनी, सौरभ जायसवाल, भूपेश सिंगोड, ईरशाद कुर्रेशी, सईदुल्लाखान, संजय शाह, हरबन डामोर, लक्ष्मणसिंह गामड,नाना राठौर, महेन्द्र भूरिया, अुकंर पाठक, जुनेद कुरेशी अशोक त्रिवेदी, जितेन्द्र पांचाल, पण्डित महेन्द्र तिवारी, छितूसिंह मेडा, पूर्वेंश कटारिया सहित बडी संख्या में कार्यकर्ताओं ने जयकारों के साथ पूरे वातावरण को भाजपामय कर दिया । इस अवसर पर मिठाईया खिलाकर ख्ुाशियों का इजहार किया गया।

भारतीय जनता पार्टी ने उत्साह के साथ समारोह पूर्व मनाया भाजपा का स्थापना दिवस-Bharatiya-Janata-Party-celebrates-celebration-of-BJP-with-enthusiasm

भाजपा जिला अध्यक्ष के  कार्यालय का अटल कांपलेक्स में हुआ शुभारंभ, प्रतिदिन  4 घण्टे जनता के लिये उपलब्ध रहेगें श्री सेठिया

झाबुआ ।  भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर राजगढ नाका स्थित अटल कांपलेक्स के दूसरे तल पर शुक्रवार को वरिष्ठ समाजसेवी मीठालाल शाह के करकमलों से फीता काट कर जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया के कार्यालय का शुभारंभ किया गया । इस अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल जिला भाजपाध्यक्ष मनोहर सेठिया, शैलेष दुबे, विजय नायर, प्रवीण सुराणा,धनसिंह बारिया,पर्वतसिंह मकवाना  बसंती बारिया ईरशादकुरेशी भूपेश सिंगाड सहित बडी संख्या में पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे । नवीन कार्यालय के शुभारंभ पर श्री सेठिया को बधाइ्रया दी गई । 
       इस अवसर पर उन्होने कहा कि राजगढ नाका स्थित कांपलेक्स में भाजपा अध्यक्ष का कार्यालय शुरू हो जाने से ग्रामीण एवं शहरी लोगों की समस्याओं के निराकरण में तेजी आवेगी वही प्रति दिन कम से कम 4 घण्टे वे स्वयं कार्यालय में उपस्थित रहेगें तथा अपने दायित्वों का निर्वाह करेगें ।

असंगठित मजदूर कल्याण योजना में विधायक एवं जिला भाजपाध्यक्ष ने किये पंजीयन

झाबुआ ।  प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा असंगठित रूप  से  प्रदेश भर में जीवन यापन करने वाले श्रमिकों एवं दहाडी मजदूरों को शासन की योजनानुसार लाभान्वित करने तथा उनका जीवनस्तर उपर उठाने के लिये प्रारंभ की गई  मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना में पंजीयन का कार्य शुरू किया गया है । शुक्रवार को क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर सेठिया द्वारा राजगढ नाका पर काउंटर लगा कर ऐसे असंगठित मजदूरों का पंजीयन विजय नायर,  कल्याणसिंह डामोर,धनसिंह बारिया, बसंती बारिया, प्रवीण सुराणा, बबलु सकलेचा पर्वतसिंह मकवाना, लक्ष्मणसिंह गामड, महेन्द्र तिवारी,राजेन्द्र सोनी, मुकेश अजनार,भूपेश सिंगाड सहित बडी संख्या में उपस्थित भाजपा पदाधिकारियो की उपस्थिति में किया गया तथा डेढ दर्जन अधिक असंगठित मजदूरों का पंजीयन किया गया । श्री सेठिया एवं  विधायक श्री बिलवाल ने  इस योजना को श्रमिको के हितार्थ एक बडा कदम बताया ।

असंगठित मजदूर कल्याण योजना में विधायक एवं जिला भाजपाध्यक्ष ने किये पंजीयन-Bharatiya-Janata-Party-celebrates-celebration-of-BJP-with-enthusiasm

अलीराजपुर इतिहास - Alirajpur District History in Hindi

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अलीराजपुर जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। लक्ष्मणी तीर्थ जहाँ पद्म प्रभु स्वामी की मूर्ति विध्यमान है ।  लक्ष्मणी  तीर्थ जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर स्थित है। यह 2000 साल पुराना मंदिर है यहाँ एक बड़ा हॉल स्थित  है, जिसमें 140 रंगीन और कलात्मक पत्थर एवं अभिलेखागार स्थापित है । मंदिर में श्री पद्म प्रभु स्वामी की पद्मसन मुद्रा में एक सफेद पत्थर की मूर्ति स्थापित है । अलीराजपुर राज्य पूर्व में भारत के भोपावर एजेंसी के तहत भारत का रियासत राज्य था। यह गुजरात और महाराष्ट्र के साथ सीमा के निकट मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित है। इसमें 836 वर्ग मीटर का क्षेत्र है। यह जिला पूरी तरह से पहाड़ी है, और यहाँ अधिकांश आबादी आदिवासी एवं भील आबादी हैं। जनजातियों के प्रमुख, जिन्हे पूर्व में रियासत के राजा के रूप में जाना जाता था आम तौर पर वे राठौर राजपूत थे। अलीराजपुर में विक्टोरिया पुल 1897  की डायमंड जुबली मनाने के लिए बनाया गया था। 
                 क्षेत्रवार, अलीराजपुर जिला झाबुआ जिले से बड़ा है, वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री द्वारा इसे प्रदेश का एक नया जिला घोषित किया गया।  राजवाड़ा किला एवं फतेह क्लब नामक एक खूबसूरत खेल मैदान शहर के केंद्र में स्थित है। अलीराजपुर विभिन्न प्रकार के व्यापार और व्यापार के लिए भीलों का केंद्र है। अलीराजपुर की स्थलाकृति मुख्य रूप से पहाड़ी है। अलीराजपुर एक ऐसा शहर है जहां निवासरत अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर करती है। इसकी अर्थव्यवस्था प्राथमिक रूप से कृषि प्रयासों पर निर्भर करती है। यदि कृषि व्यापार की बात आती है जब अलीराजपुर में यह व्यापार सभी राज्यों में सबसे बड़ा है। इसके अलावा, "नूर जहां" आमजो अलीराजपुर जिले की एक बहुत ही दुर्लभ विविधता है वर्तमान में "नूर जहां" आम के केवल चार पेड़ वर्तमान में जीवित हैं, जो मात्र अलीराजपुर जिले में पाए जाते हैं. 
अलीराजपुर ज़िला
Madhya Pradesh district location map Jhabua.svg

मध्य प्रदेश में अलीराजपुर ज़िले की अवस्थिति
मध्य प्रदेशFlag of India.svg भारत
प्रशासनिक प्रभाग
इन्दौर
मुख्यालय
अलीराजपुर
जिले का गठन
17 मई 2008 (झाबुआ से पृथक)
क्षेत्रफल
2,165 कि॰मी2 (836 वर्ग मील)
जनसंख्या
728677 (2011)
[229]
37.2 %
1009
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
रतलाम
विधानसभा सीटें
1. अलीराजपुर, 2. जोबट
तहसील
1. अलीराजपुर 2. जोबट 3. चन्द्रषशेखर आजाद नगर 4. सोण्डवा
विकास खण्ड
1. आलीराजपुुर 2. सोण्डवा 3. जोबट 4. उदयगड़ 5. चन्द्र शेखर आजादनगर 6. कट्ठीवाड़ा
ग्राम पंचायत
288
ग्रामों की संख्या
551
नदियां
सुक्कड़, हथनी
भाषाएं
हिंदी, राठवी, भीली
प्रमुख
भगोरिया पर्व
मुख्य आकर्षण
**कट्ठीवाड़ा जंगल, मालवई माता मंदिर, जैन पवित्र तीर्थ लक्ष्मणी, विंध्य पर्वत, काजलरानी मंदिर, कट्ठीवाड़ा झरना, भाबरा, मालवई, आमखुट
आधिकारिक जालस्थल
वैसे तो प्रारम्भ से ही आदीवासी बहुल समुदाय रहे अलीराजपुर क्षेत्र पर आदिवासी राजाओं का राज रहा परंतु 15 शताब्दी में जोधपुर के राणा राठोर नरेश के वंशज आनंददेव ने उस समय जमुरा डोडीया भील तथा उसकी फ़ौज को मार कर उसके कब्ज़े के सारे इलाकों को अपने अधिकार में कर लिया जिसकी हदें उत्तर दिशा की ओर झाबुआ-दाहोद के तालाब तक, पश्चिम में शिवराजपुर गुजरात तक दक्षिण में नर्मदा नदी तक तथा पूर्व में हथिनी नदी के किनारे धोलगढ तक थी। आनंददेव को शिकार खेलने का बहुत शौक था। एक दिन आनंददेव शिकार खेलते-खेलते आली के जंगल की तरफ चले गये जहाँ उस समय अलिया भील का राज्य था। इसी जगह राजा को एक खरगोश दिखाई पड़ा उसके पिछे मुड़कर आनंददेव की घुरकर देखा ओर नजरो के सामने से गायब हो गया। तब राजा आनंद देव ने महसुस किया कि यह कोई चमत्कारी स्थान होना चाहिए जो खुशनुमा ओर बहुत रोनक वाली जगह है। उसी समय राजा आनंददेव ने इस स्थान पर एक किला सन् 1438 ई० में माघ सुदी पंचमी शनिवार के दिन बसाया। वह उसका नाम आनंदावली रखा, इसके पश्चात अलिया भील युद्ध मे मारा गया तथा आनंद देव का एक छत्र राज्य स्थापित हो गया। 
          इसके बाद राजा आनंद देव ने अपनी राजधानी मोटीपोल से आली स्थानातरित कर दी तथा इसका नाम आनंदावली रखा। राजा आनंददेव ने अपने छोटे भाई इन्द्रदेव को सन् 1440 में फुलमाल नामक गाॅंव जागीर में दिया और उसे अपना प्रधानमंत्री बनाया। इसके बाद राजा ने अपने अमीर उमराव तथा भाई बन्दुओ को अपने अधिन क्षेत्र के परगनो का बटवारा कर दिया जिसके अनुसार वजेसिंह को आमखुट परगना, मानसिंह सोलंकी को डही परगना, भुलजी को झिरण परगना, अधिकरणदेव जी को मथवाड़ परगना, तथा सारगदेव जाधव को कट्ठीवाड़ा दे दिया। ये पाॅंचो उमराव कई सालो तक आनंदावली राज्य के अधिन रहे। परंतु धीरे-धीरे डही, मथवाड़ और कट्ठीवाड़ा परगने अलग हो गये। परंतु झिरण व आमखुट की वंश न चलने से दोनो ही आनंदावली के अधीन रहे। 
         राजा आनंददेव के बाद उसका पुत्र चचलदेव गददी पर बैठा। उसके दो पुत्र हुए, गुगलदेव व केशरदेव अपने पिता चचलदेव की हत्या पर गुगलदेव सन् 1470 में यहाॅं का राजा बन गया। उधर छोटे भाई केशरदेव ने अपने पिता के जीवित रहते ही सन् 1465 में राज्य के उत्तर पूर्व में जोबट पर अपना कब्जा कर लिया था। उधर आली के राजा गुगलदेव का पुत्र कृष्णादेव निःसंतान मरा तक कृष्णादेव का भतीजा बंच्छराज राजसिहासन पर बैठा बंच्छराज के चार पुत्र थे। पहला पुत्र दिपसेन था इसने अपने भाई संबलसिंह को 07 मई 1665 को सोण्डवा गाव की अलग से जागीर दे दी थी। दिपसेन का पुत्र सुरतसिंह हुआ जिसने आली राज्य का बहुत विस्तार किया सुरतदेव के 4 पुत्र हुए पहला पहाडदेव दुसरा प्रतापदेव (प्रतापसिंह प्रथम) तीसरा दौलसिंह व चैथा पुत्र अभयदेव थे। इनमे से सुरतदेव की मृत्यू के पश्चात बडा पुत्र पहाडसिह राजगददी पर बैठा इस परिस्थिति ने प्रतापसिंह प्रथम ने भाई के पास रहना उचित नही समझा ओर महेश्वर चला गया। तथा अपनी पहचान छुपाकर 5 साल तक अहिल्याबाई होलकर के पास रहे जब अहिल्याबाई को यह पता चला कि प्रातापसिंह (प्रथम) आली के राजा का भाई है तो उन्हे अपना मुहबोला भाई बनाया व वापस उन्हे आली भेज दिया। आली वापसी होने पर प्रतापसिंह प्रथम सत्ता प्राप्त करने की योजना बनाकर लगातार कार्य किया अन्नतः दिनांक 29 जूलाई सन् 1765 को प्रतापसिंह प्रथम ने अपने आप को आली राज्य का राजा घोषित कर दिया। 
Alirajpur Flag
           राजा प्रतापसिंह का विवाह गुजरात के धरमपुरी राज्य की सिसोदिया राजकुमारी से हुआ। राज प्रातापसिंह ने अपने सगे भाई दोलतसिंह को सन् 1777 में भाभरा रियासत प्रदान की उधर मथवाड़ भी एक प्रथक रियासत होकर यहाॅं ठाकुर रामसिंह शासक थे। सन् 1797 ई0 में मुसाफिर मकरानी वास्तविक नाम दुरमोहम्मद खान अपने साथीगण बेतुला मकरानी ओर हासम मकरानी अफगानिस्तान की सीमा से लगे मकरान प्रांत से आकर आली राज्य के सेवक नियुक्त हुए। श्री मुसाफिर मकरानी आजीवन राज्य के बहुत ही वफादार सेवक रहे। ओर कई मरतबा उन्होने राज्य की आक्रमणों, हमलो आदि से रक्षा भी की इस के बाद प्रतापसिंह प्रथम का शासन छोटे मोटे विवादो व आपसी आक्रमणो के बावजुद चलता रहा इसके बाद सन् 1800 मे चेत्र वदी अष्ठमी शनिवार को आली रीयासत की राजधानी आली से राजपुर स्थांतरित कर दि गई।
         महाराज प्रताप सिह पृथम की मृत्यु के पश्चात महारानी प्रतापकुॅवर बाई के गृभ से सन 1809 में जसन्त सिंह का जन्म हुआ। पश्चात महाराज जसवंत सिह का शासन चला व सन 1861 में उनकी मृत्यु हो गई। जसवंत सिह की मृत्यु के पश्चात इनके पुत्र गंगदेव राजगद्दी पर बैठे तथा सन 1862 से 1871 तक अलीराजपुर में राज्य किया इनकी मृत्यु पश्चात इनके भाई रूप देव ने 1871 से 1881 तक राज्य किया ओर वे भी एक वर्ष पश्चात मृत्यु को प्राप्त हुए। रूप देवजी की कोई संतान न होने से सोण्डवा ठाकुर परिवार के कालुबाबा को पोत्र व चंद्रसिह के पुत्र विजय सिह को अलीराजपुर लाकर राजगद्दी पर बैठाया इनहोने सन 1890 तक अलीराजपुर राज्य पर राज कीया और इनकी भी कोई संतान न होने से पुनः सोण्डवा के कालुबाबा के पोत्र व दुसरे पुत्र भगवान सिह के पुत्र प्रतापसिह द्वितीय को सोण्डवा से लाकर विधि विधान से राजतीलक कर अलीराजपुर राजगद्दी पर बैठाया। हिजहाईनेस प्रताप सिह द्वितीय का जन्म 12 सिंतबर सन 1881 में हुआ व उनका राजतीलक 10 जुन सन 1891 में किया गया महाराजा प्रताप सिह द्वितीय की शिक्षा राजकोट के राजकुमार कालेज मे हुई। युवा हेाने पर सन 1901 में उन्हे अलीराजपुर राज्य के नानपुर व खट्टाली के परगनो के शासन का भार सौपा गया तथा एक साल बाद ही उन्हे पृथम श्रेणी मजिस्टेट के अधिकार प्रदान किये गये। दिनांक 27 जनवरी सन 1904 में महाराजा श्री प्रताप सिह को शाासन संचालन के समस्त अधिकार प्रदान किये गये। 
       04 मार्च 1908 को महाराजा प्रतापसिह का विवाह कट्ठीवाडा के ठाकुर श्री बहादुरसिंह जादव की सुपूत्री श्रीमती रानी राजकुॅवर बाई के साथ सम्पन्न हुआ। महाराजा प्रतापसिंह की बडी रानी के गर्भ से संवत 1961 की श्रावण सुदी ग्यारस केा प्रिंस फतेह सिह जी का जन्म हुआ। महाराज फतेह सिह जी की शिक्षा डेली कालेज इन्दौर व राजकुमार कालेज राजकोट से हुई। प्रिंस फतेह सिह जी को इतीहास, साहित्य, शिकार, पौलो व क्रिकेट खलने का बडा शौक था। महाराजा प्रतापसिह जी ने अलीराजपुर नगर मे इसी समय मे बडे व सुन्दर खैल मैदान वर्तमान मे कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित फतेह क्लब मैदान, गेस्ट हाउस, प्रताप भवन, हास्पीटल तथा स्कुल बनवाए, ओर नगर नियोजन की सुन्दर रचना की। प्रिंस फतेहसिह जी का विवाह खिची कुल के हिज हाईनेस महाराज सर रणजीतसिहं जी के स्टेट के बारिया नरेश जी की राजकुमारी सो राजकुमारी राजेतुकुवंरबाई के साथ दिनांक 07 मई सन 1922 में धुमधाम से हुआ।
           प्रिन्स फतेहसिंह जी की 6 संताने हुई इनमें 3 राजकुमार व 3 राजकुमारी थी। इनमे महाराज सुरेन्द्रजी का जन्म 17 मार्च सन 1923 को हुआ तथा महाराज कमलेन्द्रसिंह अभी जीवित है। राजकुमारीयों की शादीयाॅं कर दी गई थी। राजाप्रतापसिंह द्वितीय बहुत सदिप, परोपकारी व अंग्रेजी हुकुमत के खास थे। 03 जून 1915 को दिल्ली सम्राट ने अपने जन्म दिवस पर प्रतापसिंह जी बहादुर के0सी0आई की उच्च उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया सन 1917 में राजा साहब ने सेंट जान्स एम्बुलेंस एसोशिएसन की आर्थिक सहायता की इस सहायता व वफादारी से प्रसन्न होकर दिनांक 01 जनवरी 1920 को राजा साहब की सलामी 9 तोपो से बडाकर 11 तोप की सलामी कर दी गई। साथ ही एक वर्ष बाद दिनांक 01 जनवरी 1921 को अग्रेज सरकारी द्वारा पुस्त-दर-पुस्त के लिए हिज हाईनेस उपाधि स्थाई करते हुए महाराजा प्रतापसिंह द्वितीय सम्मानित भी किया। इस समय अलीराजपुर की आबादी 5000 हजार से कुछ अधिक थी। यहाॅं के रास्ते व बाजारा चैडे़ तथा सीधे हवादार होकर सुन्दर मकानों से युक्त मनभावन नगर था। हिज हाईनेस श्री प्रतापसिंह बड़े ही निर्भीक व दयालु शासक थे बावजूद जो डाकु व चोर लुटेरे दिन दहाडे डाका डालते उन्हेें कठोर दण्ड दिया जाता था। 
         अलीराजपुर रियासत की जनसंख्या 12 हजार थी जिसमें 569 ईसाई धर्म के अंग्रेज, पादरी लोग थे। अधिकतर ईसाई भील जाति से कन्वर्टेड थे ये लोग आमखंुट, अलीराजपुर सर्दी, मेंढा आदि जगह स्थापित थे। धर्म प्रचारक पादरियों के पास खेती बाड़ी के लिए राज्य द्वारा दी गई बहुत सी भूमि थी। दिनांक 1 फरवरी 1924 में अंग्रेजो के नियमानुसार स्टेट फोर्सेस (फोज) की स्थापना की गई थी जो प्रताप इन्फेन्ट्री कहलाती थी। इसमे गोरखे व सैनिक बेंड भी थे। हिज हाईनेस महाराज श्री प्रतापसिंह जी के शासन काल में खेलो के विकास पर बहुत ध्यान दिया गया। अलीराजपुर नगर में क्रिकेट का विशाल मैदान (वर्तमान में फतेह क्लब मैदान), पोलो खेल के लिए विषाल मैदान के साथ ही बेडमेन्टन के लिए लकडी की उच्च किस्म से तैयार किया गया बेडमिंटन हाल (वर्तमान मे भी अस्तित्व में) पूरे देश मे प्रसिध्द थे। तत्कालिन समय में विजयनगर के महाराजा राजकुमार अपनी रियासत के खर्चे से टीम तैयार करते थे। बहुधा इस टीम में अलीराजपुर रियासत के 5-6 खिलाड़ी रहते थे। जिनमें महाराज कुमार श्री फतेसिहजी, श्री शाहबुदीन मकरानी, श्री सईदुदीन मकरानी आदि थे। इस प्रकार तत्कालिन विजयनगर अलीराजपुर तथा पटियाला रियासत ने क्रिकेट खेल को आगे बढ़ाने व देश में प्रसार करने में मिल के पत्थर का कार्य किया। 
        इस प्रकार महाराजा प्रतापसिंह जी द्वितीय ने सन 1948 (आजादी तक ) अर्थात 57 वर्षों तक तक अलीराजपुर रियासत पर सफलतापूर्वक शासन दिया उनके निधन के पष्चात् उनके पोत्र व महाराजा फतेसिंहजी के पुत्र श्री सुरेन्द्रसिंह जी महाराज साहब का राजतिलक हुआ। उसके बाद अलीराजपुर राज्य का भारतीय संघ में विलय हो गया लेकिन हिज हाईनेस श्री सुरेन्द्रसिंह जी हमेशा बापजी के नाम से लोकप्रिय रहें व वे पत्रों पर पद हस्ताक्षर भी इसी नाम से करते थे। वैसे महाराजा सुरेन्द्रसिंह जी एक अत्यधिक शिक्षित व्यक्ति होकर उन्होने आई0सी0एस0 की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी। वे भारतीय विदेश सेवा में अनेकों देषों में भारतीय राजदूत के रूप में अपनी सेवाएॅं दे चुकंे। देष के पूर्व प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू व श्रीमती इंदिरा गाँधी से उनके पारिवारिक संबंध रहें। सेवानिवृति के बाद भी महाराजा सुरेन्द्रसिंहजी काफी सक्रियता पूर्वक सेवा कार्यों में लगे रहें। महाराजा सुरेन्द्रसिंहजी एक उदारवादी एवं एक आतिथ्य प्रिय शक्स थे। सन् 1947 में देश की आजादी के बाद 1948 में अलीराजपुर रियासत के भारतीय संघ में विलय हो जाने के बाद यह क्षेत्र प्रषासनिक रूप से मध्य भारत के अधीन हो गया।

आदर्श स्थल

 ग्राम भावरा जहाँ गैर समझौतावादी धारा के महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जन्म हुआ।

वन सम्पदा

आदिवासी एवं वन अलग-अलग विषय नहीं है, बिना जंगल के आदिवासी नहीं और बिना आदिवासी के बिला जंगल अधूरे हैं। आदिवासी समुदाय आज भी अपनी सीमाओं लगे नए पौधों व नई कोमल घास जो बारिश में उगे हैं कि पूजा से पहले उसके इस्तेमाल पर प्रतिबन्ध लगाता है। यहाँ तक कि घर के मवेशी नए पत्ते व नई घास का चारा खाकर आते हैं उनके गोबर का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते हैं। नए पौधों व नई घास की पूजा को ‘निल्फी’ ‘दिवासा’ के नाम से जाना जाता है। इसे त्यौहार के रूप में मनाते है। यह पूजा आदिवासी समाज के रीति रीवाज का हिस्सा है। हमारे देश में न्यूनतम समय में अधिकतम दोहन करने के लिये अंग्रजों नें ‘भारतीय वन अधिनियम 1927’ बनाया था। औपनिवेशिक वन नीति का व्यापारिक एवं औद्योगिक झुकाव आजाद भारत में भी यथावत रखने के कारण बड़े पैमाने पर वन एवं वन सम्पदा नष्ट होती गई।

खनिज सम्पदा

जिले में डोलोमाइट के पत्थर बहुत ही ज्यादा मात्रा में है। इन पत्थरों को खदानों से निकाला जाता है। इन पत्थरों को पीसने के कारखाने भी मौजूद है। जल संसाधन अलीराजपुर जिले की सबसे बड़ी नदी नर्मदा है। नर्मदा नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में है। समुद्री तट से 1057 मीटर की ऊँचाई से शहडोल जिले अमरकंटक से निकली इसकी कुल लम्बाई 1312 किमी है। यह आलीराजपुर जिले होती हुई भड़ूच (गुजरात) में मिलती है।

जनजातीय लोग

जिले की आबादी के 87 प्रतिशत लोग जनजातीय हैं। भील, भिलाला, मानकर, धाणक उपजातियाँ हैं। जनजातीय लोग दूर दराज पहाड़ों में बसे हैं। इनकी बसाहट भिन्न है। वे अपने-अपने खेतों पर मकान बनाकर रहते है जो पूरे गाँव के क्षेत्रफल में दूर-दूर तक फैले हुए होते हैं। जिसके कारण सरकार बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधा उपलब्ध नहीं करवा पाती।

रीति रिवाज

यहाँ के जनजातीय लोगों का रीति रिवाज और धार्मिक मान्यता का किसी धर्म से मेल नहीं है। मूर्ति पूजा का चलन नहीं हैं। वे पहाड़, झरना और बाबादेव की पूजा करते हैं।

फसलें

जुवार, बाजरा, मक्का, कुलथिया आदि खरीफ एवं गेहूँ, मक्का रबि की यहाँ की मुख्य फसलें हैं।

सामूहिकता

आदिवासी समाज में ढास और पड़जिया की बहुत ही अच्छी परम्परा है। ढास एवं पड़जिया के दौरान सारे गाँव के लोग मिलकर किसी भी व्यक्ति के बड़े-से-बड़े काम को (जैसे मकान बनाना, खेत से फसल एकत्र करना आदि) बगैर पैसा लिये कर देते हैं। बदले में सिर्फ खाना खिलाना पड़ता है। आदिवासी समाज की यह परम्परा एक मिसाल है।

जाति प्रथा

जनजातीय लोगों में भी जाति के आधार पर ऊँच-नीच व छुआ-छूत की मान्यता है। भील, मानकर, धाणक, कोटवाल, चमार, मेंहतर जाति के लोगों को निचा मानते है। वे इन जाति के लोगों के हाथों से बना खाना नहीं खाते। भिलाला व पटलिया जाति के लोग अपने को ऊँचा मानते हैं।

कुप्रथा

समाज में किसी भी व्यक्ति की मौत होती है तो उनकी धारणा है कि इसे डाकण ने खा लिया। वे मृत्यु का कारण बीमारी व प्राकृतिक न मानते हुए उसे डाकण के मत्थे मढ़ देते हैं। कहते हैं कि डाकण ने इसका कलेजा खा लिया है। किसी भी प्रकार की बीमारी को वह डाकण की करतूत मानते है। यहाँ तक की अपने पालतू जानवरों की मृत्यु का कारण भी डाकण को मानते हैं।
वे गाँव की किसी भी बुजुर्ग महिला या विचित्र महिला को डाकण मानते हैं। जिस महिला पर डाकण की शंका होती है उसकी निर्मम हत्या तक कर दी जाती है। पलायन इस जिले की मुख्य समस्या है। गाँव में रोज़गार नहीं मिलने के कारण पूरे जिले के आदिवासी लोग पास के गुजरात राज्य में पलायन कर जाते हैं। गाँव में आदिवासी लोगों के पास आजीविका के छोटे-छोटे खेत है। इन खेतों से वर्षभर के लिये अपने परिवार का भोजन खर्च नहीं निकल पाता है। इन कारणों से पूरे जिले के आदिवासी लोग अपने परिवार सहित छोटे-छोटे बच्चों के साथ आजीविका के लिये बड़े शहरों की ओर कूच कर जाते हैं। पलायन के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। महात्मा गाँधी रोज़गार गारंटी योजना भी इन परिवारों को रोक नहीं पाई है।
       सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लोगों को मिलने वाला सस्ते अनाज की कालाबाजारी हो जाती है। जिससे लोगों को कम कीमत में अनाज नहीं मिल पाता है। गाँव में भयानक गरीबी है। गरीब परिवार सन्तुलित आहार नहीं खा पाता है। एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना द्वारा 6 माह से 3 वर्ष के बच्चे, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पूरक पोषण आहार (बाल आहार) बालवाड़ी के माध्यम से वितरित किया जाता है। इस पूरक पोषण आहार का बालवाड़ी व आँगनवाड़ी केन्द्रों में वितरण नहीं हो रहा है। शालाओं में मिलने वाला मध्यान्ह भोजन भी नहीं मिल पाता है। उपरोक्त इन कारणों से जिले में कुपोषण की संख्या अत्यधिक है। एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना के आँकड़ों के मुताबिक जिले में लगभग 4500 से अधिक बच्चे कुपोषित है। फ्लोरोसिस रोकथाम के सरकारी प्रयास राष्ट्रीय एवं राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत 34 ग्रामों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना, फ्लोरोसिस नियन्त्रण व लोगों के स्वास्थ्य सुधार के लिये एक अभियान चलाने के लिये एक योजना तैयार की गई। सन् 1993-1994 को शहर के कुछ शिक्षित लोगों को योजना के बारे में पता चला। स्थानीय स्तर पर इस अभियान की जानकारी गिनती के लोगों तक सीमित रही।

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1. लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी विभाग (फ्लोराइड नियन्त्रण) 

सन् 1998 में झाबुआ जिले में फ्लोराइड नियन्त्रण के लिये एक डिवीजन की स्थापना की गई। जिसका कार्यालय अलीराजपुर तहसील मुख्यालय में बनाया गया। तब अलीराजपुर झाबुआ जिले की तहसील था। फ्लोराइड रहित पानी मुहैया कराने के लिये अलीराजपुर ब्लॉक के 34 ग्रामों को शुद्ध पेयजल वितरण के लिये परियोजना की शुरुआत की गई। परियोजना के तहत अलीराजपुर से 40 किलो मीटर दूर ग्राम बेहड़वा में हथिनी नदी से पाइप लाइन के जरिए प्रभावित गाँवों में पेयजल वितरण करने की परियोजना शुरू की गई। दो फिल्टर प्लांट, पहला बेहड़वा एवं दूसरा खरपई में बनाया गया है। पाणी में फ्लोराइड की मात्रा की जाँच के लिये एक लेबोरेटरी है। इस लैब से आज तक एक भी गाँव से पानी का सैम्पल लेकर जाँच नहीं हो पाई है। शासन की अदूरदर्शिता के कारण इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना का लाभ प्रभावित आदिवासी परिवारों को नहीं मिल पाया। ग्रामीण आदिवासियों की असंगठित आवाज शासन प्रशासन के नुमाइन्दों द्वारा अनसुनी कर दी जाती है।
     सभी प्रभावित गाँवों में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। स्टेट हाईवे नम्बर 26 पर ग्राम नानपुर ब्लाक मुख्यालय पर पानी सप्लाई की जा रही है। इसी हाईवे पर ग्राम फाटा के पटेल फलिया की पाँच टंकियो में दो दिनों के अन्तराल में पानी का वितरण हो रहा है। इसी गाँव में भयड़िया फलिया, चैंगड़ फलिया, मसाणिया फलिया एवं निंगवाल फलिया में पानी का वितरण नहीं हो रहा है। ग्राम बेगड़ी में लगभग 5000 लीटर की क्षमता वाली एक पानी की टंकी निर्माण आस-पास के प्रभावित गाँव में पेयजल वितरण के लिये बनाई गई है, लेकिन उस टंकी में आज तक पानी नहीं पहुँचा है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार 34 गाँव फ्लोराइड प्रभावितों की सूची में शामिल हैं। जिले के कट्ठीवाडा, चन्द्र शेखर आजाद नगर (भाबरा) एवं जोबट ब्लाक के कई सारे गाँवों के पानी में फ्लोराइड की मात्रा मौजुद है। इन गाँवों में शासकीय रिकार्ड में अभी भी पानी सप्लाई होना बताया गया है। 34 ग्रामों में समूह नल जल प्रदाय योजना के संचालन संधारण कार्य करने के लिये विभाग में दो निजी वाहन टाटा 407 एवं पिकअप अटैच किये गए हैं। इन 34 गाँवों में से नानपुर गाँव में ही पानी का सप्लाई हो रहा है। बाकी किसी एक भी गाँव में पीने का पानी नहीं पहुँच रहा है।
     सन् 2009 में इस लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी फ्लोरोसिस नियन्त्रण अनुभाग को खत्म कर दिया गया। वर्तमान लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी विभाग जिला इस कार्य को संचालित कर रहा है। जिले में लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी विभाग तीन अनुभागों में विभाजित है। अलीराजपुर, जोबट एवं चन्द्रशेखर आजाद नगर (भाबरा) के रूप में विभाजित है। जिले में लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी विभाग ने फ्लोरोसिस बीमारी की रोकथाम के लिये स्थानीय समुदाय के साथ अभियान के रूप में नहीं चलाया जा रहा है। राज्यव्यापी अभियान भी नहीं चल रहा है। युक्त पानी के शुद्धीकरण के लिये कोई भी कार्यक्रम नहीं चलाया गया। फ्लोराइड प्रभावित इन गाँवों में आज भी शासकीय हैण्डपम्पों को बन्द नहीं किया गया है।

2. स्वास्थ्य विभाग

जिले में कार्यरत जिला स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा फ्लोरोसिस नियन्त्रण व लोगों के स्वास्थ्य सुधार के लिये समुदाय के साथ किसी भी प्रकार का कार्य नहीं किया गया। जिला स्वास्थ्य केन्द्र अलीराजपुर के सिलिकोसिस एवं फ्लोरोसिस बीमारी के प्रभारी डाक्टर से मुलाकात करने पर उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से फ्लोरोसिस की रोकथाम के लिये कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के पास फ्लोराइड से प्रभावित गाँवों की अपनी सूची नहीं है और न ही प्रभावितों का सर्वेक्षण का आँकड़ा है। जिला अस्पताल ने एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा है। जिसमें फ्लोरोसिस की रोकथाम के लिये अलग से काम करने वाले कर्मचारियों को नियुक्ति प्रस्तावित है एवं पानी का सैम्पल टेस्ट के लिये प्रयोगशाला के स्थापना की माँग की गई है। अभी तक प्रस्ताव पास नहीं हुआ है।

3. गैर सरकारी संगठन

कल्पान्तर शिक्षण एवं अनुसन्धान केन्द्र ने नवागत जिले के कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर बोरकर को अवगत कराया गया कि लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी विभाग द्वारा प्रभावित गाँवों में सुचारू रूप से पानी का वितरण करने बीमारी के बचाव के लिये जन जागृति चलाए जाने, स्वास्थ्य विभाग को संवेदनशील करने की जरूरत के बारे में चर्चा की गई थी। जिला कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी विभाग को गाँव में पोस्टर, पर्चे वितरण करने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा किसी भी गैर सरकारी संगठन ने प्रभावित गाँवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने, फ्लोरोसिस नियन्त्रण के लिये, एवं लोगों के स्वास्थ्य सुधार के सतत कार्य नहीं किया गया।

 बीमारी के बारे में जानकारी का अभाव
प्रभावित अधिकतर लोगों को यह नहीं पता है कि फ्लोराइड क्या है? फ्लोराइड हमारे शरीर में कैसे पहुँचता है? हमारे शरीर के किन अंगों को यह नुकसान पहुँचाते हैं? या फ्लोराइड से कौन सी बीमारी होती है? उन्हें यह भी पता नहीं है कि जिन जलस्रोतों का वे पानी पीने के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं उसका पानी पीने योग्य नहीं है। यह पानी हमारे स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। हमारे जलस्रोतों में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है। गाँवों में अशिक्षा के कारण लोग फ्लोराइड के घातक असर के बारे में अनभिज्ञ हैं। ग्रामीण अशिक्षित परिवार लोक यान्त्रिकी विभाग व स्वास्थ्य विभाग से पानी की गुणवत्ता के बारे में पूछताछ तक नहीं करते। लोक यान्त्रिकी विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा पानी की गुणवत्ता के बारे में लोगों को नहीं बताया जाता है। गाँव में अशिक्षा के कारण जलजनित बीमारी के शिकार हो जाते हैं।

जानकारी का अभाव है। 
 दाँत पीले होने का कारण लोगों का मत है यह जेनेटिक है। जिन लोगों के दाँत पीले हैं उन्हें लोग केसरिया दाँत कहते हैं। लोक यान्त्रिकी विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा पानी की गुणवत्ता के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी लोगों तक नहीं पहुँचाई जाती है। स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा फ्लोरोसिस बीमारी के गम्भीरता के बारे में और न ही इस बीमारी के रोकथाम के लिये स्थानीय समुदाय के साथ सामूहिक प्रयास किये जाते हैं।
           गरीबी के कारण लोग कैल्शियम, लौह तत्व, विटामिन सी जैसे पौष्टिक आहार युक्त भोजन का उपयोग नहीं कर सकता है। इसी गरीबी के कारण लोग फ्लोराइड युक्त जल को शुद्धिकरण यन्त्र से अपने पेयजल को शुद्ध नहीं कर पाता है। मसलन लोग पानी की बगैर जाँच किये किसी भी प्रकार के पानी पेयजल के रूप इस्तेमाल करता है। जानकारी के अभाव में लोग नहीं जानते कि किन चीजों को खाने से परहेज रखना चाहिए। युवा वर्ग का मानना है हमारे दाँत पीले होने के कारण शादी में दिक्कतें होती हैं। इसलिये गाँव के युवा अपने दाँतों का पीलापन दूर करने के लिये दाँतों के डाक्टर का सहारा लेते है। लेकिन दाँत के डाक्टर भी इस समस्या से छुटकारा नहीं दिला पा रहे हैं। गाँव के अधिकतर युवा वर्ग की राय है कि इस समस्या से हमें निजात चाहिए। वे चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी को फ्लोरोसिस से बचाना है। लोगों की इस बीमारी के साथ कई सारे पहलू एक दूसरे से जुड़े हुए है। दाँतों के फ्लारोसिस से प्रभावित युवा लोग इस कुरूपता से छुटकारा पाना चाहते हैं। लेकिन उपरोक्त कारणों का समाधान किये बगैर लोग इस बीमारी से छुटकारा नहीं पा सकते है। बचने के उपायों के बारे में सोच रहे है लेकिन कुछ कर पाने स्थिति में नहीं है?

स्कूल का दौरा

फ्लोरोसिस से सबसे ज्यादा प्रभावित ग्राम इस्डू की प्राथमिकशाला का दौरा किया गया। वहाँ पर बच्चों में दाँतो के फ्लोरोसिस का प्रतिशत ज्यादा पाया गया। प्राथमिकशाला के आँगन में लगे हैण्डपम्प के पानी का सैम्पल टेस्ट किया जिसमें बहुत अधिक मात्रा में फ्लोराइड पाया गया। इसी हैण्डपम्प से पीने का पानी मोहल्ले के लोग भी इस्तेमाल करते हैं। इस फलिये कि युवा लड़कियों के उनके दाँतों में पीलापन मौजूद पाया गया है।
        मध्यप्रदेश में जनगणना संचालन निदेशालय द्वारा अलीराजपुर जिले की आधिकारिक जनगणना 2011 का विवरण जारी किया गया है। 2011 में, अलीराजपुर की जनसंख्या 728,999 थी, जिसमें से पुरुष और महिला क्रमशः 362,542 और 366,457 थी। 2001 की जनगणना में, अलीराजपुर की जनसंख्या 610,275 थी, जिसमें पुरुष 305912 थे और शेष 304,363 महिलाएं थीं। अलीराजपुर जिले की आबादी महाराष्ट्र की  कुल आबादी का 1.00 प्रतिशत है। 2001 की जनगणना में, अलीराजपुर जिले का यह आंकड़ा महाराष्ट्र जनसंख्या का 1.01 प्रतिशत था।  2001 के अनुसार जिले की कुल आबादी में 19.45 प्रतिशत का परिवर्तन हुआ है । 
अलीराजपुर जनसंख्या विवरण 
विवरण20112001
वास्तविक जनसंख्या728,999610,275
पुरुष 362,542305,912
महिला366,457304,363
जनसंख्या वृद्धि19.45%26.20%
एरिया स्क्वायर किमी3,1823,182
घनत्व / km2229192
मध्य प्रदेश की आबादी का अनुपात1.00%1.01%
लिंग अनुपात (प्रति 1000)1011995
बाल लिंग अनुपात (0-6 आयु)978982
औसत साक्षरता36.1031.10
पुरुष साक्षरता42.0240.18
महिला साक्षरता30.2922.01
कुल बाल जनसंख्या (0-6 आयु)147,961141,670
पुरुष जनसंख्या (0-6 आयु)74,81871,468
महिला जनसंख्या (0-6 आयु)73,14370,202
साक्षर209,754145,743
पुरुष साक्षरता120,90594,207
महिला साक्षरता88,84951,536
बाल अनुपात (0-6 आयु)20.30%23.21%
लड़कों का अनुपात (0-6 आयु)20.64%23.36%
लड़कियों का अनुपात (0-6 आयु)19.96%23.07%
अलीराजपुर जिला घनत्व 2011
जनगणना 2011 द्वारा जारी डेटा, बताता है कि 2011 तक अलीराजपुर जिले की घनत्व 229 प्रति वर्ग किलोमीटर प्रति है। 2001 में, अलीराजपुर जिला घनत्व 192 प्रति वर्ग किलोमीटर प्रति व्यक्ति था। अलीराजपुर जिले में 3,182 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र  था ।
अलीराजपुर साक्षरता दर 2011
2011 में अलीराजपुर जिले की औसत साक्षरता दर 36.10 थी, जो 2001 की 31.10 के मुकाबले 36.10 थी। लिंग के अनुसार, पुरुष और महिला साक्षरता क्रमशः 42.02 और 30.29 थी, तो क्रमश 2001 की जनगणना के लिए, अलीराजपुर जिले में ही आंकड़े 40.18 और 22.01 पर थे। अलीराजपुर जिले में कुल साक्षर संख्या 209,754 थी, जिसमें से पुरुष और महिला क्रमशः 120,905 और 88,894 थी। 2001 में, अलीराजपुर जिले में यह आंकड़ा 145,743 था ।
अलीराजपुर लिंग अनुपात 2011
अलीराजपुर में लिंग अनुपात 2001 की जनगणना 995 की तुलना में 1011 प्रति 1000 पुरुष था। जनगणना 2011 निदेशालय की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत में औसत राष्ट्रीय लिंग अनुपात 940 है। 2011 की जनगणना में, 2001 की जनगणना के आंकड़ों के प्रति 1000 लड़कों के लिए 982 लड़कियों की संख्या की तुलना में बाल लिंग अनुपात प्रति 1000 लड़कों में 978 लड़कियां हैं।
अलीराजपुर बाल जनसंख्या 2011
2001 की जनगणना के 141,670 के मुकाबले कुल 147961 बच्चे 0-6 वर्ष से कम थे कुल 147961 पुरुष और महिलाएं क्रमशः 74,818 और 73143 थीं। 2001 की जनगणना के 982 के मुकाबले जनगणना 2011 के अनुसार बाल लिंग अनुपात 978 था। 2011 में, 0-6 से कम बच्चे अलीराजपुर जिले का 20.30 प्रतिशत था वही 2001 में यह 23.21 प्रतिशत था ।
अलीराजपुर बेघर जनगणना
2011 में, कुल 246 परिवार फुटपाथ पर रहते थे या अलीराजपुर जिले में किसी भी छत के बिना थे । 2011 की जनगणना के समय में इनकी संख्या 1,100 थी जो अलीराजपुर जिले की कुल आबादी का लगभग 0.15% है।
अलीराजपुर धर्म-वार डेटा 2011
विवरणकुलप्रतिशत
हिंदू705,06096.72%
मुसलमानों17,6602.42%
ईसाई4,6000.63%
सिख650.01%
बौद्ध360.00%
जैन7800.11%
अन्य लोग2710.04%
** अन्य 5270.07%
अलीराजपुर जिला शहरी / ग्रामीण 2011
2011 की जनगणना के लिए कुल अलीराजपुर की आबादी में, जिले के शहरी क्षेत्रों में 7.83 प्रतिशत लोग रहते हैं। कुल 57,074 लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं, जिनमें से 28,949 पुरुष और 28,125 महिलाएं हैं। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार अलीराजपुर जिले के शहरी क्षेत्र में लिंग अनुपात 972 है। इसी तरह 2011 की जनगणना में अलीराजपुर जिले में बाल लिंग अनुपात 968 था। शहरी क्षेत्र में बाल जनसंख्या (0-6) 8,425 थी जिसमें से पुरुष और महिलाएं 4,282 और 4,143 थीं। अलीराजपुर जिले की यह जनसंख्या आबादी कुल शहरी आबादी का 14.7 9% है। 2011 की जनगणना के अनुसार अलीराजपुर जिले में औसत साक्षरता दर 80.05% है जिसमें पुरुष और महिलाएं क्रमशः 86.48% और 73.43% साक्षर हैं। वास्तविक संख्या में 38,942 लोग शहरी क्षेत्र में साक्षर हैं, जिनमें से पुरुष और महिलाएं क्रमशः 21,331 और 17,611 हैं।
       2011 की जनगणना के अनुसार, अलीराजपुर जिले की 92.17% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाली कुल अलीराजपुर जिला जनसंख्या 671,925 है, जिसमें से पुरुष और महिलाएं क्रमशः  333,593 और 338,332 हैं। अलीराजपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में, प्रति 1000 पुरुषों में लिंग अनुपात 1014 है। यदि अलीराजपुर जिले के बाल लिंग अनुपात आंकड़े देखे , तो आंकड़ा प्रति 1000 लड़कों के लिए 978 लड़कियां हैं। 0-6 साल की आयु में बाल जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में 139,536 है, जिनमें से पुरुष 70,536 थे और महिलाएं 69,000 थीं। बच्चे की आबादी में अलीराजपुर की कुल ग्रामीण आबादी का 21.14% हिस्सा है। जिले के ग्रामीण इलाकों में साक्षरता दर जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार 32.08% है। लिंगवार, पुरुष और महिला साक्षरता क्रमशः 37.85 और 26.45 प्रतिशत थी। कुल 170,812 लोग साक्षर थे, जिनमें पुरुष और महिलाएं क्रमशः 99,574 और 71,238 थीं।

विवरणग्रामीणशहरी
आबादी (%)92.17%7.83%
कुल जनसंख्या671,92557,074
पुरुष जनसंख्या333,59328,949
महिला जनसंख्या338,33228,125
लिंग अनुपात1014972
बाल लिंग अनुपात (0-6)978968
बाल जनसंख्या (0-6)139,5368425
नर बाल (0-6)70,5364282
महिला बाल (0-6)69,0004,143
बाल प्रतिशत (0-6)20.77%14.76%
पुरुष बाल प्रतिशत21.14%14.7 9%
महिला बाल प्रतिशत20.3 9%14.73%
साक्षर170,81238,942
पुरुष साक्षरता99,57421,331
महिला साक्षरता71,23817,611
औसत साक्षरता32.08%80.05%
पुरुष साक्षरता37.85%86.48%
महिला साक्षरता26.45%73.43%

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अंतिम संशोधन :अप्रैल 14, 2018 10:18 AM

बूंद-बूंद पानी को तरसते इस गांव के लोग

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  सरपंच की मनमानी, ग्रामीण परेशान  

पेटलावद :पेटलावद के बोलासा गांव के लोग इन दिनों भयंकर जल संकट का सामना कर रहे है, यहाँ  पेयजल की किल्लत के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों की माने तो फ़िल्टर प्लांट में प्रयाप्त पानी होने के बावजूद भी गांव में पेयजल के वितरण नहीं किया जा रहा है गर्मी के मौसम में हमें हैंडपंप , कुओ आदि से अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पानी लाना पड़ता है. जिससे हम लोगों को काफी कठिनाई होती है . ग्रामीणों ने बताया कि इस सम्बन्ध में हम कई बार पंचायत, सरपंच से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन हमारी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. जिसके कारण गांव की  यह समस्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. 
          ग्रामीणों का कहना है की हम लोग सभी जगह इस समस्या को लेकर आवेदन देकर और गुहार लगा लगा कर परेशान हो चुके हैं, लेकिन अब तक हमारी इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार एक ही पाइप लाइन द्वारा पुरे गांव में पानी का सप्लाई किया जाता है जिससे गांव के अंतिम वार्ड 3 एवं 4 में  पानी नहीं पहुंच  पाता है।  साथ  ही उन्होंने  बताया की उक्त बोलासा पंचायत में माही परियोजना का पानी बोलासा फ़िल्टर प्लांट तक आता है तथा गांव में सप्लाई किया जाता है ग्रामीणों ने बताया की पानी की कोई कमी नहीं है सरपंच की मनमानी के चलते पूरा गांव एक एक बून्द पानी को तरस रहा है.
 यह है पूरा मामला  
       ग्रामीणों ने बताया की वार्ड में पानी की समस्या को लेकर पंचायत को शिकायत करने पर स्वयं का पैसा लगाकर पाइप लाइन डलवाने की बात कही गयी साथ ही समझाइश दी गयी की सभी पहले अपना जल कर जमा करे जिसके बाद सभी वार्ड वासियो ने मई माह तक का जल कर एडवांस में जमा करवा दिया बावजूद इसके वार्डवासियों की इस समस्या का निराकरण नहीं हुआ. परेशान होकर सभी ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज़ करवाई वहां से जब सम्बंधित अधिकारियो को निर्देशित कर कार्रवाही हेतु भेजा गया तो सरपंच द्वारा वार्डवासियों को भोपाल शिकायत करने की बात को लेकर बहस की गयी एवं पुरे गांव का पानी सप्लाई  बंद कर दिया गया जबकि समस्या केवल  वार्ड 3 एवं 4 में ही थी ।
      ग्रामीणों के अनुसार गांव में चुनाव पूर्व जनता से बड़े-बड़े वादे किये, लेकिन चुनाव के बाद सारे वादे हवा हो गये। ग्रामीणों द्वारा कई बार अपनी समस्या से ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव को अवगत कराया गया , किंतु दोनों अपने अंदाज में जवाब देते हैं कि आपको ज्यादा परेशानी है तो स्वयं का पैसा लगाकर पाइप लाइन डलवा लो । बताया जाता है कि ग्रामीणों से नल-जल योजना के तहत कनेक्शनधारियों से पैसा तो वसूला जा रहा है, लेकिन उन्हें पानी प्राप्त नहीं हो रहा है जिसके चलते लोग पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। 
गांव में पानी की कोई समस्या नहीं है 
बोलासा गांव में नल जल योजना के तहत ७७%  आबादी पर सप्लाई किया जा रहा है जो की पुरे पेटलावद शहर में सबसे अधिक है , एक किलोमीटर दुरी पर ही फ़िल्टर प्लांट है जहाँ से ग्रामीणों को भरपूर पानी का सप्लाई किया जा रहा है, फिर भी ग्रामीणों की कोई समस्या है तो जल्द ही उसका निराकरण करेंगे। ।
मंसूरी सिंगाड, सरपंच  

People-of-bolasa-village-craving-for-water

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ग्रामीणों द्वारा जमा कराये गए नल कर की पावती

नपा अध्यक्ष एवं सीएमओ का दिल्ली में हुआ सम्मान

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हुड़को द्वारा आयोजित 48वें अधिवेशन में हुए दोनो सम्मानित 

झाबुआ। हाऊसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (हुड़को)द्वारा बुधवार को सुबह साढ़े 10 बजे भारत पर्यावास भवन, लोधी रोड़ नई दिल्ली में भव्य अधिवेशन का आयोजन किया गया। जिसमें अतिथियों द्वारा नगरपालिका झाबुआ की अध्यक्ष श्रीमती मन्नूबेन डोडियार एवं सीएमओ एमआर निगवाल को मंच पर आमंत्रित कर उनका गरिमामय सम्मान किया गया। इस अवसर पर उनके साथ सब इंजिनियर कमलकांत जोशी भी सम्मानित हुए। जिला कांग्रेस प्रवक्ता एवं नपा पार्षद साबिर फिटवेल ने बताया कि उक्त आयोजित अधिवेशन में अतिथि के रूप में हुड़को के चेयरमेन एवं मेनेजिंग डायरेक्टर तथा बोर्ड आॅफ डायरेक्टर डाॅ. एम रविकांत, होनेबल यूनियन मिनिस्टर हाऊसिंग एंड अरबन अफेयरस के हरदीप एस पुरी और भारत सरकार के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा (आईएएस) उपस्थित थे। जिनके द्वारा मंच पर बुलाकर नगरपालिका टीम का सम्मान किया गया। 
           ज्ञातव्य है कि यह सम्मान झाबुआ नगर में पेयजल योजना अंतर्गत पाईप लाईन कार्य का सुचारू रूप से संचालन करने के फलस्वरूप नपा को दिल्ली में प्रदान किया गया है, जो पूरे नगर के साथ संपूर्ण झाबुआ जिले के लिए भी गौरव का विषय है। 
सम्मान पर दी बधाईयां 
उक्त सम्मान पर नपा टीम को सांसद कांतिलाल भूरिया, सांसद प्रतिनिधि एवं जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष डाॅ. विक्रांत भूरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रकाष रांका, रमेश डोषी, हेमचंद डामोर, विजय पांडे, नाथुभाई मिस्त्री, जितेन्द्रप्रसाद अग्निहोत्री, जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष आशीष भूरिया, सांसद प्रतिनिधि गौरव सक्सेना, एसएसयूआई जिलाध्यक्ष विनय भाबोर, आदिवासी विकास परिषद् जिलाध्यक्ष विजय भाबोर, नपा उपाध्यक्ष श्रीमती रोशनी डोडियार, अविनाश डोडियार, पार्षदों में पपीश पानेरी, नूरजहां अब्दुल इनायत शेख, शाहनवाज जाकिर कुरैशी, साबिर फिटवेल, नरेन्द्र संधवी, अजय सोनी, रशीद कुरैशी, जितेन्द्र पंचाल, उषा विवेक येवले, शशी धुमा डामोर, कु. आयुषी भाबर, हेमेन्द्र बबूल कटारा, जुवानसिंह गुंडिया, हेलन विवेक मेड़ा, मालू डोडियार, नरेन्द्र राठौरिया, ऋषि डोडियार, दीपू डोडियार, रवि डोडियार सहित नपा के समस्त स्टाॅफ द्वारा बधाई दी गई है। 

muncipal-president-and-cmo-Napa-President-and-CMO-honored-in-Delhi

गोपाल मंदिर वार्षिकोत्सव: महाआरती के साथ हुआ तीन दिवसीय अध्यात्म महोत्सव का समापन

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          गुरूवार सुबह 9-30 बजे से श्री गुरु पाद पूजन  तथा भजनांजलि का आयोजन किया गया गुरु भक्तो ने भाव विभोर हो कर लाखे बैसिये करोडो उभिए रे तमे तो भजन करावे नी , दर्शन दो घनश्याम नाथ, मोरी अंखियां प्यासी हैं, मन मंदिर की जोत जगाओ  घट घट वासी रे … .गोपाल कॉलोनी में म्हारा गुरुजी बिराजे, दुनिया मां डंको बाजे जी.. . मोहन प्यारा लागी छे तारी माया . . . आदि भजनों ने  वातावरण भक्तिमय कर दिया ।  
          दिन चढ़ने के साथ भजनों के स्वर तेज होते चले गए। जैसे ही घडी में 12 बजे मंदिर परिसर गोपाल प्रभु के जयकारों से गूंज उठा। पं. रूपक त्रिवेदी ने रामशंकर जानी (बड़े बापजी ), घनश्याम प्रभु (छोटे बापजी ) व माँ गोपाल प्रभु की आरती की। महाआरती के दोरान पूरा पंडाल खचाखच भरा हुआ था। पुष्पांजलि के बाद महाप्रसादी का आयोजन हुआ । इसम बडी संख्या में भक्तगण शामिल हुए ।  
रातभर चला भजन - कीर्तन का दौर 
     तीन दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार शाम से मंदिर में भजन क्रीर्तन का सिलसिला शुरू हो गया  । झांझ- मंजीरे, ढोल और हारमोनियम पर भजनों की संगत के बीच भक्त भाव विभोर हो गए । अनवरत भजनों का क्रम शनिवार को महाआरती के समय तक चलता रहा।
उमड़ा भक्तो  का सैलाब
     मोहिनी एकादशी 6 मई  1971 को मंदिर का पहला वार्षिकोत्सव मनाया गया था । तभी से यहां लगातार आध्यात्मिक आयोजनों का सिलसिला चल रहा है । इसी तारतम्य में 49 वा वार्षिकोत्सव धूमधाम से गुरूवार को मनाया गया । मंदिर में गुरूवार सुबह से ही भक्तो का तांता लगना शुरू हो गया । सभी  बारी- बारी से अपने गुरुदेव की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते रहे । सवेरे 7 बजे से ही यह सिलसिला आरंभ हो गया था जो लगातार दोपहर तक चलता रहा । इस बीच सामूहिक भजनो की स्वर लहरियां भी गूंजने लगी । भक्ति के माध्यम से  भक्तगण एक लय में अपने भावो को अभिव्यक्ति करते रहे और भक्ति का आनंद चरम की और बढ़ता चला गया। 
तीन दिन धूम रही 
       3 दिवसीय समारोह की शुरुआत मंगलवार सुबह 9-30 बजे से हो गयी थी , दैनिक आरती के बाद लोक कल्याण के लिए गुरु ॐका अखंड जाप आरम्भ हुआ जो अनवरत २४ घंटे तक चलता रहा।  तत्पश्चात पूर्णाहुति हुई, दोपहर में भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया , वही इस दिन शाम को सामूहिक भजनो का आरम्भ हुआ जो अलसुबह तक चलता रहा गुरूवार सुबह से ही वार्षिकोत्सव को गुरुदेव चरण पादुका पूजन एवं सद्गुरु फोटो पूजन के पश्चात् महाआरती एवं भंडारे का आयोजन हुआ।  
देश भर से आये गुरु भक्त 
            झाबुआ जिले के अतिरिक्त देश - प्रदेश  के कोने कोने से आए भक्तगण इस आयोजन के साक्षी थे  । प्रदेश के  इंदौर , रतलाम , उज्जैन , भोपाल , अलीराजपुर , महू , धार , राजस्थान के कोटा , बांसवाडा , जयपुर , गुजरात के राजकोट . बड़ोदा , अहमदाबाद, भरुच, जंत्राल , छत्तीसगढ़ के रायपुर सहित  बैंगलोर , मुंबई , पूना , आदि स्थानों से भक्त बड़ी संख्या में समारोह में शामिल हुए. 

gopal-mandir-jhabua-varshikotsav-annula-function-organized-2018-भजनों की धुन - मजीरों की थाप पर झूम उठे भक्त -गोपाल मंदिर में आयोजित हुआ त्रिदिवसीय वार्षिकोंत्सव समारोह

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भक्तो द्वारा ऑनलाइन दर्शन सुविधा का लाभ भी लिया गया 
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डॉ चंचल की रचना तपती गर्मी अब तमिल में भी

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झाबुआ। प्रख्यात साहित्यकार डॉ रामशंकर चंचल की सामयिक कविता तपती गर्मी सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन दवारा निर्धारित हिंदी पाठ्यक्रम की पुस्तक (श्रेष्ट हिंदी व्याकरण तथा रचना)में कक्षा १०वी के लिए ली गयी है। यह कविता जिसे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कविता प्रतियोगिता में राष्ट्रीय पत्रिका आरावली उद्घोष द्वारा पुरुस्कृत की गई है .
           उक्त तपती गर्मी कविता को हाल में ही तमिल प्रख्यात साहित्यकार और संत आनंद कृष्णन सेतु रमन द्वारा तमिल में अनुवाद किया गया है. यह हर्ष का विषय है की डॉ चंचल की उक्त रचना ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाकर झाबुआ का गौरव बढ़ाया है। 

Dr-Chanchal-poem-now-in-Tamil-language

विधायक बिलवाल के मुख्य आतिथ्य में 1199 साईकिलों का निशुल्क वितरण हुआ

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छात्र-छात्रायें कडी महेनत करके जिले का नाम रोशन करें- शांतिलाल बिलवाल

विकासखण्ड स्तरीय निशुल्क साईकिल वितरण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ

झाबुआ । प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता बढाने के साथ ही छात्र छात्राओं को बेहतर सुविधायें दिलाये जाने की दिशा में  प्रदेश में जो उल्लेखनीय कार्य किया हे उसकी विश्व स्तर पर प्रशंसा हुई है । छात्र-छात्राओं को स्कूल में आने जाने में बेहतर सुविधाऐं मिल सके इसके लिये सभी बच्चों को  प्रदेश सरकार ने साईकिलों का निशुल्क प्रदान करने का उल्लेखनीय कार्य किया है इससे छात्र छात्राओं को अपनी शैक्षणिक संस्था तक समय पर पहूंचने मे सुविधा मिल पाई है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी का भी कहना है कि जब तक समग्र देश की छात्रशक्ति शिक्षित नही बनेगी तब तक सर्वागिंण विकास का सपना अधुरा ही रहेगा । इसलिये आप सभी मन लगा कर पढाई की और ध्यान देवें और अच्छे अंकों से परीक्षाओं में सफलता अर्जित करके अपने परिवार, स्कूल ,जिले एवं प्रदेश का नाम रोशन करें। 
    आज 1199 स्कूली बच्चों को जो साईकिले प्रदान की जा रही है, उसका पूरी तरह सदुपयोग हो और इसका घरेलु कामो में उपयोग नही किया जावेगा तो ही साईकिल का उपयोग सार्थक हो सकेगा । इस साईकिल का उपयोग केवल पढाई के लिये ही हो इसकी और आप सभी को गंभीरता से ध्यान देना होगा । प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की सरकार ने छात्र छात्राओं के लिये कई योजनायें जिसमें लेपटाप का प्रदाय, उच्च अध्ययन के लिये बाहर जाने पर आर्थिक अनुदान, मकान किराये का भुगतान, स्कूलों की फिस का भुगतान आदि कई योजनायें देकर प्रदेश को  अग्रणी स्थान दिलाया है । उक्त उदबोधन मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल ने शुक्रवार को  शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झाबुआ परिसर में विकासखंड स्तरीय निशुल्क साईकिल वितरण समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राओ  एवं उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहीं ।
      विकासखंड स्तरीय निशुल्क साईकिल वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य शैलेष दुबे ने कहा कि  प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछले 14 बरसों में शिक्षा के स्तर को बढाने एवं छात्र छात्राओं के हितार्थ जो योजनायें लागू की है इससे प्रदेश में सर्वागिंण विकास की लहर बह निकली है। श्री दुबे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लागू की गई उज्जवला योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना में अभी तक करोडो महिलाओं को निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन का वितरण करके गरीब महिलाओं को बीमारियों से निजात दिलाई है । प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार की स्कूली बच्चों के लिये छात्रवृति एवं शिष्यवृति योजना के साथ ही उच्च अध्ययन के लिये दी गई सुविधाओं के कारण ही हमारे इस अंचल के कई बच्चें देश के बडे बडे संस्थाओं में  अध्ययन करके जिले का नाम रोशन कर रहे है । श्री दुबे बच्चों को 1199 साईकिलों के निशुल्क प्रदाय के बारे में बताया कि यह योजना सतत चालू है और आगे भी बच्चों को कई तरह के लाभ दिये जाते रहेगें । उन्होने छात्रावासों एवं आश्रमों के माध्यम से  बच्चो ं के लिये दी जारही सुविधाओ के बारे में भी बताया ।
  विधायक प्रतिनिधि राजेन्द्र सोनी के अनुसार समारोह में 1199 से अधिक साईकिलों का निशुल्क प्रदाय मुख्य अतिथि शांतिलाल बिलवाल विधायक के कर कमलों से किया गया । इस अवसर पर नगर भाजपा मंडल अध्यक्ष बबलु सकलेचा एवं भदू पचाया भी उपस्थित थे । समारोह में उत्कृष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कन्या उमावि रातीतलराई, बुनियादी स्कूल, हुडा स्कूल आदि शैक्षणिक संस्थाओ ं के छात्र बडी संख्या में उपस्थित थे । कार्यक्रम में खण्ड शिक्षा अधिकारी श्रीमती आयशा कुर्रैशी, कन्या उमावि के प्राचार्य आरपी वर्मा, बुनियादी की प्राचार्य श्रीमती वर्षा चोरे सहित शिक्षक गण एवं बडी संख्या में छात्र छात्रायें उपस्थित थे । कार्यक्रम का आयोजन खण्ड शिक्षा अधिकारी श्रीमती आयशा कुर्रेशी के संयोजन में संपन्न हुआ ।

देवझिरी जैन तीर्थस्थल मे दो दिनों तक बहेगी धर्म एवं आध्यात्म की गंगा

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आचार्य श्री सुयष सूरिष्वरजी की निश्रा में होगा भव्य आयोजन

झाबुआ ।श्री आदिनाथ माणीभद्र पारमार्थिक ट्रस्ट देवझिरी के तत्वधान में पवित्र तीर्थ देवझिरी में 29 व 30 अप्रेल लब्धी पूर्णिमा वैशाख पूर्णि के पावन अवसर पर पूज्य आचार्य श्री सुयश सूरिश्वरजी मसा की पावन निश्रा में दो दिवसीय माणीभद्र वीर हवन पूजन का धार्मिक आयोजन किया गया है । श्वेताम्बर जैन श्री संघ के संरक्षक सोहनलाल कोठारी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम तीर्थंकर भगवान श्री आदिनाथ प्रभू के तीर्थ क्षेत्र देवझिरी में परम पूज्य आचार्य श्री सुयश सूरिश्वरजी मसा की पान निश्रा में श्री माणरभद्र वीर अष्ठम आहुति हवन पूजन महोत्सव का लब्धी पूर्णिमा के दिन 29 व 30 अप्रेल को दो दिवसीय महामंगलकारी कार्यक्रम आयोजित होगें 29 अप्रेल को प्रातः 5-30 बजे से भक्ताबर स्त्रोत का मंगलपाठ, 7-30 बजे से नवकारसी, 8-30 बजे से पूज्य आचार्य श्री सुयशसूरिश्वरजी का मंगल प्रवेश व मांगलिक, 11-30 बजे से श्री आदिनाथ पंच कल्याणणक पूजन एवं सायंकाल 5 बजे स्वामी भक्ति का आयोजन होगा । 
     30 अप्रेल सोमवार को प्रातः 5-30 बजे भक्तांबर स्त्रोत का मंगलपाठ, प्रातः 7 बजे अभिशेक एवं पूजन, एवं इसके बाद नवकारसी,प्रातः 8 बजे स्नात्र पूजन, के बाद पूज्य सुयशसूरीश्वरजी मसा के प्रवचन, प्रातः 10 बजे श्री नवपद पूजन, प्रातः 11 बजेसे स्वामी वात्सल्यका आयोजन होगा  विधिकारक हर्षदभाई जैन इन्दौर द्वारा श्री माणीभद्र वीर हवन पूजन संपन्न कराया जावेगा  दापेहर 12-39 बजे कुंभ स्थापना, दीपक स्थापना व हवन मे आहूतियों के साथ हवन की पूर्णाहूति एवं आरती संपन्न होगी एवं सायंकान को स्वामीवात्सल्य होगा ।
   श्री आदिनाथ माणीभद्र पारमाािर्थक ट्रस्ट के निर्मल मेहता, यशवंत भंडारी, अशोक राठौर, बाबुलाल शाह,मनोहर भंडारी, धर्मचन्द्र मेहता, भरत बाबेल, ओच्छबलाल जैन, सुभाष कोठारी,  मनोहर मोदी संजय महेता, संजय कांठी, प्रतिक मेहता, वीरेन्द्र कोठारी, अनील रूनवाल रिंकू रूनवाल आदि ने तीर्थस्थल देवझिरी मे आयोजित दो दिवसीय धार्मिक आयोजन में सभी से सहभागी होने की अपील की है ।

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