घर का कचरा घर में, घर का पानी घर में निपटाकर मिटेगी गरीबी
झाबुआ :पुरानी कहावत 12 साल में तो कूडो के दिन भी फिर जाते है अब यह कहावत झाबुआ जिले में साकार होने वाली है। गॉव-गॉव में फैले गंदे पानी और कचरे से जैविक खाद बनाकर ठोस एवं तरल अपशिष्ट के प्रबंधन की एक दिवसीय कार्यशाला एमपी टूरिज्म के सभागृह में सपन्न हुई। कार्यशाला में राज्य स्तरीय विशेषज्ञ डॉ. सुधीर जैन, उपायुक्त, सलाहकार श्री शैलेष मजूमदार, उपयंत्री श्री राजेन्द्र मौर्य, अरूण बाथम मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित रहे। कार्यशाला में उपायुक्त डा.जैन ने बताया कि देश में 80 प्रतिशत संक्रामक बिमारियों का कारण गंदा पानी एवं कचरा है।
देश में सलाना 04-05 लाख बच्चों की मौत केवल डायरिया के कारण होती है डायरिया का मूल कारण केवल गंदा पानी है इसके अलावा मलेरिया, हेजा, डेगू समेत लाइलाज बीमारियों जैसे कैसर, शुगर, ब्लड प्रेशर, किडनी प्रभावित होना आदि बिमारियॉ भी गदंगी और जहरीले खाद्यो के इस्तेमाल से होने के वैज्ञानिक प्रमाण मिले है। पंजाब के कई गांवो में जहरीले रासायनिक खाद्यों के अत्यधिक इस्तेमाल से गांव में कैसर फैलने की घटनाओं का जिक्र करते हुये घर के गोबर कूडे-कचरे से घर के पिछवाडे में नाडेप बनाकर जैविक खाद्य बनाने पर जोर दिया गया।
गॉव में हर घर में प्रतिमाह सब्जी में होने वाला 1 से डेढ हजार का खर्चा घर में ही जैविक खाद से बचता है। खाद का उपयोग किचन गार्डन में सब्जी लगाकर किया जाता है और उत्पन्न जैविक उत्पादन के उपयोग से कैंसर जैसी बीमारियों से मुक्ति पाई जा सकती है। साथ ही घर से निकलने वाले शौचालय एवं रसोई के पानी को घर में ही छोटा सा सोख्ता गडडा बनाकर भू-जल स्तर को बढाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ के मार्ग में पडने वाली धार-झाबुआ जिले की प्रस्तावित 52 स्मार्ट ग्राम पंचायतो में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का निपटान करने की प्रक्रिया बताने हेतु एक दिसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में एसीईओ जिला पंचायत श्रीमती निशीबाला सिंह द्वारा स्वच्छता के मसीहा राष्ट्रपिता बापू के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अर्जुनसिंह डावर सहित धार, झाबुआ के संबंधित विभागों के शासकीय सेवक उपस्थित थे। सीईओ जिला पंचायत ने प्रतिभागियों से आहवान किया कि वे धार झाबुआ में कंचरे से कंचन बनाने की इस नायाब तकनिकी का प्रयोग करके समूचे गांव को वास्तविक रूप में साफ एवं स्वच्छ बनाये और साथ ही जैविक खैती के माध्यम से बीमारियों से बचाव के तरीके ग्रामीणो को बताये।