
अशिक्षा है प्रमुख कारण
अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद के महामंत्री निखिल भडारी ने बताया कि उनके पास पिछले 4- 5 दिनो में ब्लड के 7-8 मरीज आ चुके है। ग्रामीण मरीजों की स्थिति यह रहती है कि उनके परिजनों का ब्लड ग्रुप मिलने के बाद भी उनके द्वारा ब्लड नहीं दिया जाता है। इसका कारण उनमें अशिक्षा है वे जागरूक नही है। ऐसे ग्रामीण मरीजों के परिजन ब्लड की व्यवस्था करने के लिए विभिन्न संस्थाओ एव रक्त दानदाताओँ से संपर्क कर रहे है। श्री भंडारी ने बताया कि जब भी कोई रक्त के लिए आता है तो हमारे द्वारा जिस ग्रुप के ब्लड की आवश्यकता होती है उसे वाहट्स एप्प ग्रुप पर डाल देते है। जिससे की रक्तदाता से संपर्क कर रक्तदान करता है। पिछले डेढ़ से दो महीने में क्लब के लगभग 8-30 सदस्यों ने कमी को देखते हुए रक्तदान किया है। इसी तरह के शहर में कई अन्य रक्तदाता भी है जो जरूरत पाने पर रक्तदान करते है।
स्टॉफ की कमी बनी हुई है
चिकित्सालय के लेब विभाग में पिछले लम्बे समय से स्टाफ की कमी बनी हुई है। लेब विभाग में लेब टेक्नीशियन के साथ फार्मासिस्ट एव नर्सो का भी अभाव है। जिसके चलते मौजूदा स्टाफ को काफी परेशानियों का सामना करना पढता है। हाँल ही में एक लेब टेबिनशयन एव फार्मासिस्ट के रिटार्यड होने पर उनके पदों की अब तक भरपाई नहीं हो पायी है वहीं नि:शुल्क दवाई वितरण केद में भी कर्मचारी की कमी से काफी परेशानी आती है।
किए जा रहे प्रयास
इस संबंध में जिला चिकित्सालय के वरिष्ट चिकित्सक डॉ. बीएस बधेल ने बताया कि पिछले लगाया डेढ़-दो माह से मलेरिया के मरीज अधिक आने से उन्हें खून की कमी होने से माग अधिक होने पर ब्लड की कमी आ रहीं है। विभिन्न संस्थाओं द्वारा समय-समय पर रक्तदान किया जाता है। ग्रामीणजन अशिक्षा के चलते रक्तदान नहीं करते है। मरीजों की सख्या बढने से एव रक्तदाताओँ की संख्या कम होने से परेशानी आ रहीं है। जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे है।
डॉ. बीएस बधेल