राजपूत समाज की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय
27 मई शाम को महाराणा प्रतापजी के जीवन पर आधारित नाटक का होगा मंचन
झाबुआ: वीर शिरोमणी महाराणा प्रतापजी की जयंती पर इस वर्ष राजपूत समाज द्वारा दो दिवसीय आयोजन किए जाएंगे। जिसमें 27 मई की देर शाम को उनके जीवन पर आधारित नाटक मंचन का कार्यक्रम होगा। वहीं 28 मई की शाम को शहर में विशाल शौर्य यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें सैकड़ों की संख्या में समाज के महिला-पुरूषा, युवा, बच्चे एवं बुजुर्ग शामिल होंगे।
दो दिवसीय आयोजन की रूपरेखा हेतु मंगलवार रात 8 बजे स्थानीय पैलेस गार्डन पर राजपूत समाज की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। जिसमें उक्त आयोजन को भव्य रूप प्रदान करने हेतु समाज के वरिष्ठजनों के साथ महिला-पुरूषों एवं करणी सेना के युवाओं ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। सर्वप्रथम दो दिवसीय आयोजन की रूपरेखा नीरजसिंह राठौर द्वारा प्रस्तुत की गई एवं इस संबंध में समाजजनो से अपने-अपने सुझाव आमंत्रित किए। इन सुझावों को नोटिंग करने का कार्य समाज के युवा रविराजसिंह राठौर एवं राघवेन्द्रंसिंह सिसौदिया ने किया।
वर्ष में एक बार होगा समाज के सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन
इस अवसर पर लाखनसिंह चौहान ने उपस्थित सदन कें समक्ष प्रस्ताव रखा कि वर्ष में एक बार राजपूत समाज के गरीब परिवार के युवक-युवतियों के लिए सामूहिक विवाह समारोह का आयेाजन किया जाए, जिसका संपूर्ण व्यय उनके द्वारा वहन किया जाएगा तथा संपूर्ण व्यवस्था नीरजसिंह राठौर द्वारा संभाली जाएगी। इसकी शुरूआत देवउठनी ग्यारस से की जाएगी। जिस पर उपस्थित समाजजनों ने अपनी सहमति व्यक्त करते हुए इस संबंध में अपने अमूल्य सुझाव सदन में प्रस्तुत किए।
सर्वप्रथम समाज के वरिष्ठ सत्नारायण सोनगरा ने महाराणा प्रताप जयंती पर किए जाने वाले दो दिवसीय आयोजन को सभी को मिलकर किए जाने पर जोर दिया। समाज के वरिष्ठ गोपालसिंह ने महाराणा प्रतापजी की जयंती को समाजजनों द्वारा उत्साह के साथ मनाने के साथ बताया कि सामूहिक विवाह समारोह झाबुआ के लिए नई पहल है। बड़े-बड़े शहरों में तो समाज के सामूहिक विवाह समारोह होते है, लेकिन झाबुआ में इस तरह का आयोजन पहली बार किया जाएगा, जो काबिले तारिफ है। नारायणसिंह चौहान ने अपने सुझाव में कहा कि शौर्य यात्रा में समाज के सभीजन अपनी वेशभूषा में शामिल हो एवं दो दिवसीय अच्छे से मनाए। सुशीलसिंह सिसौदिया ने कहा कि इस दौरान ऐसा भव्य समारोह निकाला जाए, जिसकी शहर में पहचान बने, इस हेतु इसमें अधिक से अधिक संख्या में लोग शामिल हो। जितेन्द्रसिंह सौलकी ने बताया कि आग राजपूत समाज के लोग हर क्षेत्र में अग्रणी है। राजपूतों का इतिहास दशकों पुराना रहा है। उन्होंने इस दौरान देश में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना द्वारा की जा रहीं गतिविधियों की प्रसंषा की।
महेन्द्रसिह गेहलोत एवं विवेकसिंह धाकरे ने उक्त दो दिवसीय आयोजन को सफल बनाने में सभी से सहयोग मांगा। करणी सेना की ओर से अजीतसिंह चिचैड़िया ने सभी से संगठित होकर कार्य करने एवं अपनी एकता का परिचय देने हेतु आग्रह किया। रविराजसिंह राइौर ने कहा कि शौय यात्र्रा में समाज के पुरूष एवं युवा अपनी वेशभूषा में साफा पहनकर एवं महिलाएं एवं बालिकाएं राजपूतानी वेशभूषा में शामिल हो। निलेशसिंह पंवार ने समाज की वैवाहिक समारोह के आयोजन से पूर्व समाज की पुस्तिका निकालने, जिसमें विवाह योग्य युवक-युवतियों का परिचय देने की बात कही। इस अवसर पर रविन्द्रसिंह चौहान, कृष्णसिंह चौहान, कमलेशसिंह चौहान, बहादुर भाटी, प्रहलादसिंह चौहान कुलदीपसिंह पंवार, दीपकसिंह चौहान, ने भी अपने सुझाव दिए। गौरव चौहान एवं मनीष चौहान ने शौर्य यात्रा के दौरान ठंडे जल की व्यवस्था करने हेतु स्वीकृति प्रदान की वहीं अजयसिंह पंवार द्वारा शौय यात्रा एवं संपूर्ण साउंड व्यवस्था उनकी ओर से उपलब्ध करवाने की घोषणा की।
मातृ शक्ति ने भी किए विचार व्यक्त
महिलाओं की ओर से सुश्री रूक्मणी वर्मा ने श्री सोलंकी द्वारा की गई सामूहिक विवाह कराने की घोषण के कार्य की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हेांने बचपन से यह स्वपन देखा था कि झाबुआ में इस तरह का कोई आयोजन हो। वहीं श्रीमती अनिला बेस ने सामूहिक विवाह समारोह में कन्यादान करने की पंरपरा भी शुरू करने की बात कहीं। श्रीमती राधिका सिसौदिया ने सामूहिक विवाह समारोह एवं दो दिवसीय आयोजन में सभी के सराहनीय करने की बात कहीं तथा मातृ शक्ति की ओर से इस दौरान होने वाले महाप्रसादी (भंडारे) के आयोजन में सहयोग देने की घोषणा की गई।
विभिन्न समितियां गठित की जाएगी
अंत में नीरजसिंह राठौर द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि दो दिवसीय आयोजन को भव्य रूप प्रदान करने हेतु अलग-’अलग समितियां बनाई जाएगी। इसके साथ 27 मई की शाम को होने वाले नाटक मंच में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के साथ इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को भी आमंत्रण दिया जाएगा। विशाल शौर्य यात्रा के आगे समाज के युवा अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलेेंगे एवं तख्तीयों के माध्यम से एक अनोखा संदेश भी किया जाएगा। यात्रा के दौरान मुख्य बाजारों में पानी एवं स्वलपाहार की व्यवस्था हेतु विभिन्न समाज के प्रमुखों एवं सामाजिक संस्थाओं से संपर्क कर उन्हें स्टाॅल लगाने हेतु भी अनुरोध किया जाएगा तथा पैलेस गार्डन में समापन पर राष्ट्र वंदना एवं जयघोष के साथ संपूर्ण कार्यक्रम का समापन होगा। बैठक का सफल संचालन गजेन्द्रसिंह चंद्रावत द्वारा किया गया एवं आभार राघवेन्द्रसिंह सिसौदिया ने माना।