तेज गर्मियों में पशुओं के होद पडे खाली
* निर्मल पंड्या/ राणापुर: मुकपशुओं के लिए बनाए गए होदो की बदहाली के लिए नगर पंचायत से निवेदन करने के बावजुद उक्त होदे जस की तस हालात में दिख रही हैं। जहा पुरे नगर में लाखों के निर्माण कार्य किए जा रहे है वहीं नगर पंचायत के प्रत्येक कमरों में कुलरों की ठंडी हवा आसानी से उपलब्ध हो सकती है किन्तु विगत माह से तेज गर्मियों में आमजन के लिए पानी की व्यवस्था की जा रही है किन्तु नगर में मुकपशुओं को लेकर नगर पंचायत की उदासिनता इन पशुओं पर भारी पड रही हैं।
पुरे नगर में कई नाले जो कभी पशुओं के लिए पानी का जरिया बनते थे वर्तमान में वे भी पालिथीन एवं गंदगी से पटे पडे हैं या लापरवाही के चलते समाप्ति की ओर हैं। पुरे नगर में मात्र कुछ स्थानों जिनमें गुजरी जहा से लाखों का राजस्व नगर पंचायत को मिलता है 2 होद एवं 1 वार्ड 14 में जहा से पशुओं का आना जाना लगा रहता हैं है किन्तु वे भी बदहाली की ओर है। स्वयं कर्मचारीयों को कहना हे कि उक्त होदे लिकेज हो चुकी है किन्तु आखिर इन लिकेज होदो को रिपेयर कोन करवाऐगा जिससे मुकपशुओं को पानी मिल जाया करता था। आखिर जहा लाखों करोडों खर्च करने वाली नगर पंचायत आखिर इन मुकपशुओं को लिए कुछ क्यो नहीं कर पा रही हैं।
2 माह बिते नहीं सुधरी होदे
पुरे नगर में कतिपय स्थानों पर ही पानी की होदे बनी हुई किन्तु बदहाली के चलते कहे या नगर पंचायतकर्मियां की लापरवाही कहे के चलते खाली पडी हें। इन होदो के लिए कहा जाता है कि लिकेज के चलते इन्हे भरा नहीं जा रहा है। नगर पंचायत को पुर्व में भी चेताया गया था कि गर्मियों के पुर्व जहा पर पुरे अचंल में जल सेवा की वही जाती है वही नगर पंचायत राणापुर मुकपशुओं के प्रति अपनी उदासिनता दिखा रही हैं।
गायब हुए समाज सेवी संस्थाए
पुरे नगर में विगत वर्षो से कई समाजसेवी संस्थाओं द्वारा कई अग्रणी कार्य किए जा रहे है जिनमें वृ़़क्षारोपण एवं पक्षियों को पानी पिलाने से लेकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कार्य किए जा रहे है किन्तु गर्मियों के दिनों में तेज गर्मी में इन मुकपशुओं की सेवा के लिए कही से कोई हाथ उठते नजर नहीं आ रहे है जिसके चलते पुरे नगर में आमजन के लिए बडी संख्या में जल सेवाएॅ करते नजर आ रहे है किन्तु मनुष्य तो अपनी असुविधाओं के अनुसार मांग कर सकता है किन्तु इन मुकपशुओं की सुनवाई करने वाले कोई आगे आते नजर नहीं आ रहे हैं।
धर्म की गंगा के लिए तोडी होद नहीं बनी
तालाब स्थित मंदिरों के समिप कतिपय बनी पशुओं के लिए बनी होद जो की तोड दी गई जहा से प्रायः मुकपशु पानी पिया करते थे किन्तु वर्तमान में नहीं बनवाई गई। भागतव गीता में कहा गया हे कि नर सेवा ही नारायण सेवा हे किन्तु मुकपश्ुओं की सेवा सबसे बडी सेवा हे जो की अतुलनीय है किन्तु भागवत पान के चक्कर में टुटी होद आज तक नहीं बन पाई जिससे वाकई में लग रहा है कि भागवत किस प्रकार जनमानस के मन में समा रही हैं।
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खाली पडी होदों को इंतजार हैं पानी का |
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वार्ड 14 स्थित होद जो लिकेज पडी हैं |