बंदियों ने अपने-अपने प्रकरणों की दी जानकारी
झाबुआ।जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री श्यामकांत कुलकर्णी के मार्गदर्शन में शनिवार को दोपहर साढ़े 11 बजे जिला जेल में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री राधाकिशन मालवीय एवं श्री संजयकुमार भलावी उपस्थित थे। विशेष अतिथि के रूप में विधिक साक्षरता दल के वरिष्ठ सदस्य यशवंत भंडारी एवं अभिभाषक श्रीमती अर्चना राठौर तथा जिला विधिक सहायता अधिकारी सिमोन सुलिया उपस्थित थे।
शिविर के प्रारंभ में जानकारी देते हुए विधिक साक्षरता दल के वरिष्ठ सदस्य श्री भंडारी ने बताया कि यह शिविर आज यहां इसलिए आयोजित किया गया है कि आप अपने प्रकरणों संबंधी समस्या न्यायाधीशद्वय के समक्ष रख सके। जिन बदियों के उनके केस में यदि अभिभाषक नहीं हो तो वे नियमानुसार लीगल एक्ट से अधिवक्ता प्राप्त कर सकते है एवं यदि कोई बिमारी संबंधी समस्या हो तो वह भी वह भी हमे बता सकते है तथा जमानत योग्य प्रकरण में जमानत नहीं हुई हो तो उपस्थित न्यायाधीशों को अवगत करवाए।
श्रीमती अर्चना राठौर ने कैदियों को योग के महत्व के बारे में बताया कि नियमित योग करने से मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता है। आप भी यदि नियमित योग करेंगे तो आपका शरीर स्वस्थ रहेगा एवं आपके विचारों में भी परिवर्तन आएगा। श्रीमती राठौर ने कहा कि आप जेल से छूटने के बाद आप अच्छी जगह पर जाए एवं अपने विचारों और सोच में परिवर्तन लाए। जेल से रिहा होने के बाद यदि आपको कोई भला-बुरा कहता है, तो उसे अपने मन में ना बसाकर निरंतर जीवन में आगे बढ़ने के प्रयास करे। ट्रेनी न्यायाधीश सुशील गेहलोत एवं अभिजीत वास्कले ने कहा कि आप अपनी समस्याएं जेल अधीक्षक के समक्ष भी रख सकते है, वह भी आपकी समस्या प्राथमिकता से सुनेंगे एवं उसके निराकरण की पहल करेंगे।
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शिविर को संबोधित करते न्यायाधीश श्री संजयकुमार भलावी |
न्यायाधीद्वय को बताई अपनी समस्या
शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित न्यायाधीश श्री मालवीय एवं श्री भलावी के समक्ष बंदियों ने अपने प्रकरणों संबंधी समस्याएं भी रखी। इस दौरान पांगूसिंह पिता लालू ने बताया कि उसके खिलाफ 376 में अपराध पंजीबद्ध है, उसे अधिवक्ता नियुक्त करना है। मोहन पिता कैलाश राठौर निवासी बड़नगर ने भी उसके प्रकरण में अधिवक्ता नियुक्त करने की मांग की। मांगीलाल पिता मन्ना ने बताया कि उसके विरूद्ध धारा 376 के तहत अपराध पंजीबद्ध है। हम दोनो पक्षकार समझौता करना चाहते है। हमे आगे क्या करना चाहिए ?, एक बंदी ने अपनी पुरानी बिमारी के चलते आवश्यक दवाईयां जेल में उपलब्ध करवाने का निवेदन किया। इसी प्रकार अन्य बंदियों ने इस दौरान अपने प्रकरणों संबंधी समस्या न्यायाधीशद्वय के समक्ष रखी। जिनका समाधान उनके द्वारा किया गया।
हर मनुष्य में ज्ञान प्राप्त करने की शक्ति होती है
शिविर के अंत में न्यायाधीश श्री भलावी ने भी संबोधित बरते हुऐ कहा कि हर मनुष्य में ज्ञान प्राप्त करने की शक्ति होती है। उन्होंने कैदियों से कहा कि जब भी आप फ्री हो तो अपने अंदर को टटोले और यह जानने का प्रयास करे कि हमसे कौन सी गलती हो गई है, जिसके कारण हमे जेल में आना पड़ा और उसमें सुधारन लाने का प्रयास करे। अंत में आभार जिला जेलर अशोक शर्मा ने माना।
उपस्थित बंदी |