बिना टेंडर निकाले दे दिया लाखो का ठेका, पीएचई के कार्यपालन यंत्री जितेन्द्र मावी की मनमानी
झाबुआ: शासन द्धारा टेंडर प्रक्रिया भी आनलाईन कर देने के बाद भी विभागीय अधिकारी शासन की इस आनलाईन प्रक्रिया को नकारते हुए , अपने चहेतो को उपकृत करने के लिए नियमो को ताक मे रखकर पार्टी विशेष को लाभ पहुचा रहे है और लाभ मे हिस्सा ले रहे है कुछ ऐसा ही पीएचई विभाग के कार्यापालन यंत्री द्धारा बिना निविदा आंमत्रित किए , अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुचाते हुए नियमो को दरकिनार करते हुए सिविल कार्य के लाखो को ठेका दे दिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार गोपाल कालोनी स्थित पानी की टंकी व पुलिस कोतवाली के पास निर्माण कार्य चल रहा था विभाग द्धारा जानकारी ली गई तो पता चला कि इस निर्माण कार्य की कोई निविदा आमंत्रित नही की गई। जब निविदा आमंत्रित नही की गई तो कार्य सरकारी जमीन पर किस आदेश के तहत करवाया जा रहा है यह बडा प्रश्न है ? इसके लिए विभाग के जिम्मेदार जवाब नही दे रहे है ऐसे कई बार सुनने मे आया कि गुपचुप तरीके से विभागीय अधिकारियो द्धारा अपने चहेतो को टेंडर दिलवाये है लेकिन झाबुआ के पीएचई के कार्यपालन यंत्री श्रीमावी ने अपने चहेते ठेकदार को टेंडर दिलवाने के लिए टेंडर प्रक्रिया को ही भूल गए। यह सभवत पहला मामला होगा जहा बिना टेंडर प्रक्रिया के ही निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया।
नियमानुसार दो लाख से अधिक के निर्माण कार्य हो या फिर खरीदी कार्य हो चाहे कोई भी कार्य हो सर्वप्रथम निर्माण कार्य की निविदा आमंत्रित की जाती है या फिर पेपर विज्ञप्ति के माध्यम से , जिसमे शासन द्धारा तय मापदंड व नियम व शर्तो को पूरी करना होती है इसके बाद इसके बाद टेंडर प्रक्रिया मे सबसे न्यूनतम दर स्वीकृत होती है लेकिन झाबुआ कार्यपालन यंत्री की मनमानी का आलम यह है कि न्यूनतम दर तो ठीक है टेंडर प्रक्रिया को ही नही अपनाया गया है यह जाचॅ का विषय है प्रश्न यह है कि क्या कार्यपालन यंत्री को इतने अधिकार प्राप्त है कि वह बिना टेंडर के ही निर्माण कार्य प्रारंभ कर सकते है ?
पूर्व मे भी मावी की मनमानी का आलम यह था कि डीवीजन की अधूरी बाउट्रीवाल का निर्माण कार्य भी इसी प्रकार करवा लिया था और बाद मे कागजी खानापूर्ति की गई थी। हाल ही मे अनास प्लांट पर पूर्व मे जहा पर डिवीजन लगता था उस बिल्डीग मे कार्यपालन यंत्री की बैठक रुम मे इसी कमरे को ग्रेनाईट पत्थर आदि लगाकर स्टेंड बना दिया गया। ताकि लेब वहा पर स्थानांतरित हो सके।
कार्य ठेकदार विशेष से करवाया गया
3 मार्च को ईटेंडरींग माध्यम से निविदा बुलाई गई , जब लेब बन चुकी है तो पुनः निविदा क्यो बुलवाई गई ? समस्त सिवील कार्य एक ही ठेकेदार से क्यो करवाया जा रहा है यह भी जाचॅ का विषय है सूत्रो से प्राप्त जानकारी अनुसार विभाग गोपाल कालोनी मे जारी निर्माण कार्य की कागजी खानापूर्ति मे लग गया है ताकि अनियमितता को नियमित कर सके। संपूर्ण कार्यप्रणाली जाचॅ का विषय है.
गोपाल कालोनी पुलिस कोतवाली के पास निर्माण कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया को नही अपनाया गया।
जितेन्द्र मावी
कार्यपालन यंत्री , लोक स्वास्थ्य यांत्रकी विभाग , झाबुआ
निर्माण कार्य की जाचॅ की जावेगी व इसके बाद कारवाई की जावेगी।
प्रभारी क्लेक्टर , अनुराग चौधरी