झाबुआ : रतलाम-झाबुआ के सांसद दिलीपसिंह भूरिया अब नहीं रहे। खबर सुनते ही पूरे संसदीय क्षेत्र में शोक क्री लहर व्याप्त हो गई । 5 जून को झाबुआ में भाजपा के कार्यक्रम को संपन्न करके रतलाम भ्रमण पर आये थे, वहीं पर उनकी तबियत ख़राब होने से रतलाम के सीएचएल अपोलो हास्पीटल में उपचार के लिये भर्ती किया गया और दूसरे दिन उन्हें इन्दोर अपीलों हास्पीटल भेजा गया जहाँ से 7 जून को उन्हें मेदान्ता हास्पीटल गुड़गांव दिल्ली में डॉ. नरेरा त्रेहान से उपचार के लिये भर्ती किया गया। तब से उन्हें सतत वहीं भर्ती रख कर उपचार किया जा रहा था । करीब 18 दिन तक वे मेदान्ता हास्पीटल में भर्ती रहे इस बीच उन्हें फेफड़ो का इन्फेक्शन भी हो गया था और शुगर कट्रोल के साथ ही हदय रोग का उपचार भी चल रहा था । बुधवार को करीब 11 - 30 बजे सांसद दिलीपसिंह भूरिया सदा सदा के लिये विदा हो गए ।
आज पार्थिव शरीर ' पंच तत्व में होगा विलीन
क्षेत्रीय सांसद एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष श्री दिलीपसिंह भूरिया का आकस्मिक निधनं हो जाने से उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को वायुयान द्वारा दिल्ली से इंदौर लाया जायेगा। जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेश दुबे ने अधीकृत जानकारी देते हुए बताया कि 25 जून गुरूवार को प्रातः 8 बजे श्री भूरिया का पार्थिव शरीर को इन्दोर से विदा किया जावेगा। प्रातः 10 बजे वाहन पेटलावद आयेगा जहाँ जन साधारण के दर्शनार्थ रखा जावेगा। थांदला से वाहन रवाना होकर मेघनगर में उनके पार्थिव शरीर को दर्शनार्थ रूकेगा। मेघनगर से पार्थिव शरीर लेकर वाहन झाबुआ जायेगा जहाँ उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी जाएगी झाबुआ से उनका पार्थिव शरीर उनके गृहग्राम माछलिया ले जाया जायेगा जहाँ दोपहर 3 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा
दिल में हमेशा आत्मीयता रखी
जिले के छोटे से गाम माछलिया में स्वर्गीय संकरिया भूरिया एवं माता श्रीमती दल्लीबाई के यहीं 19 जून 1944 को दिलीपसिंह भूरिया का जन्म हुआ था । अपने पैतृक ग्राम में शिक्षा दिक्षा प्राप्त करने वाले दिलीपसिंह बचपन से ही बड़े होनहार, शांत एवं जागरूक स्वभाव के रहे। 1964 में उनका विवाह वेसा बाई के साथ हुआ। बचपन से ही देश एवं समाज के लिये उनके दिल में आत्मीयता रही है। पढाई ख़त्म करने के बाद वे खेती कायों में लग गए किन्तु देश एवं आदिवासी समाज की उन्नति की तमन्ना को लकर उन्होंने समाज सेवा और राजनीति में भाग लेना प्रारंभ करदिया।
वे आदिवासी सेवा संघ झाबुआ के अध्यक्ष बने तथा उन्होंने संगठन के माध्यम से आदिवासी छात्रों के लिये छात्रावास आदि कार्य प्रारंभ करवाये। 1967 में झाबुआ जिले और मध्यप्रदेशा के सामाजिक एव राजनैतिक क्षेत्रों में पूरी तरह सक्रिय हो गए । उनकी लोक प्रियता न सिर्फ झाबुआ तक सीमित रही किन्तु वे प्रादेशिक स्तर पर भी अपनी छबि बनाने में कामयाब रहे। इसी लोक प्रियता के चलते झाबुआ जिले की पेटलावद विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए तथा अनेक बरसों तक वे जिला सहकारी केन्दीय बैंक के अध्यक्ष सहित सहकारिता क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर काबिज रहे।
इसी अवधि में मध्यप्रदेश विधानसभा की पब्लिक अकाउट्स कमेटी के सदस्य और अपेक्स बैंक के प्रादेशिक उपाध्यक्ष भी रहे। जनसेवा के प्रति लगन एव निष्ठा के कार्य करते हुए देशहित कार्य करने के लिये 1980 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव लडा एवं राष्टीय स्तर पर आदिवासियों के हित में आवाज बुलंद करने एव संसद में उनकी समस्याओँ को रखने तथा समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिये प्रयासरत रहे।
पांच बार सासद का चुनाव जीत कर रतलाम झाबुआ ससदीय क्षेत्र का कुशलता पूर्व प्रतिनिधित्व करने वाले स्वगीर्य दिलीपसिंह भूरिया मध्य प्रदेश सहकारी संघ के तथा राष्टीय सहकारी संघ के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने तेन्दूपत्ता एकत्रित करने वाले आदिवासियों के हक में महतवपूर्ण सिफारिशें संदेश सरकार को प्रस्तुत की जिसमें से अधिकांश क्रो स्वीकार भी कर लिया गया । श्री भूरिया ने सवेधानिक पदों पर रहते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों की उन्नति के लिये अनेक महत्वपूर्ण कार्य भी करवायें। सविधान के 73 वे संशोधन अधिनियम 1992 के अतर्गत पंचायत राज संबधी प्रावधानों के लिये श्री भूरिया की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा भूरिया समिति गठित की गई जिसके आधार पर पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम 1996 पारित हुआ। साथ ही दिलीपसिंह भूरिया ने 74 वे संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के परिपेक्ष्य में अनुसूचित क्षेत्रों में आने वाली नगरपालिका संस्थाओं के अधिकार और कार्य क्षेत्र में विस्तार के संबध में रिपोर्ट भी प्रस्तुत क्री थी ।
अनेक उच्च यहीं पर आसीन रहे
दिसंबर 1998 में श्री भूरिया को भारत सरकार के अनुसूचित जाति एव अनुसूचित जनजाति राष्टीय आयोग का अध्यक्ष बनाया गया इस पद पर वे 2003 तक कार्यरत रहें। इसके बाद श्री भूरिया को संविधान अनुच्छेद 339 ( 1 ) के तहत भारत सरकार ने अध्यक्ष अनुसूचित क्षेत्र एवं " अनुसूचित जनजाति आयोग के पद पर नियुक्त किया जो 1960 में नियुक्त ढेबर कमीशन के बाद दूसरा कमीशन था । अनेक उच्च पदो पर अधीन रह कर सांसद दिलीपसिंह भूरिया द्वारा राष्टीय हितो के लिये एक लम्बे समय तक कार्य किया है। इसके अलावा भूरिया ने विदेशो का भी भ्रमण किया । ससदीय समिति के सदस्य के रूप में इंडोनेशिया आदि अनेक देशों में श्रमण कर अध्ययन किया ।
विकास में निभाई अहम भूमिका
सासद के निर्वाचन में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पुन: मौका दिया और रेकार्ड मतों से जीत कर रतलाम, झाबुआ एवं आलीराजपुर जिले के सर्वांगीण विकास के लिये अपनी भूमिका निभाने में पीछे नहीं रहे। पिछले 400 दिनों के कार्यकाल में दिलीपसिंह भूरिया ने अवरिल अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करके कई सौगातें दिलाई। श्री भूरिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफी करीबी रहे है तथा उनसे भी बेशक चर्चायें करके क्षेत्रीय विकास के लिये सतत प्रयासशील रहे है। एनएच 59 एव रेल्वे लाईन के लिये उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सडक परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी , मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के समय समय पर अंचल की जनभावना क्रो देखते हुए कई मर्तबा पत्र लिख कर अंचल के विकास की ललक को पूरा करने का उनका सपना रहा है। श्री भूरिया ने आजीवन जनजातियों के हितों के लिये कार्य करते हुए देश के सभी प्रदेशो के अजजा क्षेत्रों में श्रमण कर इस बात के लिये प्रयास रत रहे कि है पेसा कानून' क्री जानकारी सभी आदिवासियों को हो और वे इसके प्रति जागरूक होकर स्वयं भी अपने समाज के विकास के लिये आगे बढ़ कर कार्यं करें ।
बिना किसी विश्राम के दौड- भाग करने वाले स्वर्गीय भूरिया ने कभी भी अपने स्वस्थ्य की फिक्र नही की । विगत 5 जून का रतलाम भ्रमण के दोरान उनका स्वास्थ्य ख़राब होने के बाद इंदौर ओंर तत्पश्चात दिल्ली के मेवात हास्पीटल मॅ भर्ती किया गया जहाँ बुधवार प्रात : 11 - 30 बजे उनका निधन हो गया । श्री भूरिया के अन्तिम संस्कार में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के अलावा कईं कैबिनेट मंत्रियो , केंद्रीय मत्रियो के अलावा पाटीं पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, व नगर के गणमान्य जनो का मछलिया में प्रात : काल से ही जमावडा होगा । प्रशासनिक स्तर पर भी अन्तिम संस्कार स्थल पर व्यापक व्यवस्थाएं की जावेगी ।
जनसेवा की भावना से अपनी सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्वर्गीय भूरिया को जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेश दुबे, विधायक शांतिलाल बिलवाल, नागरसिह चौहान , माधोसिंह डावर, पुरूषोत्तम प्रजापति, जिला महामत्री प्रवीण सुराणा , मिडिया प्रभारी राजेंद्र सोनी, एवं जिले के सभी मंडल अध्यक्षों, पाटीं के समी जिला स्तरीय एव मंडल स्तरीय पदाधिकारियों ने भी भूरिया को भावभीनी श्रद्धजिलि अर्पित करते हुए शांति की प्रार्थना एवं शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है ।